दिल्ली के आस-पास घूमने लायक कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां आप वीकेंड पर जा सकते हैं। आप आज की भागदौड़ वाली जिंदगी के बीच सटरडे-संडे को इन जगहों पर जाकर सुकून से समय बिता सकते हैं। दिल्ली से इन जगहों पर जाने में कोई दिक्कत भी नहीं है। यहां आप अपनी गाड़ी या सार्वजनिक परिवहन से भी जा सकते हैं।
1. नीमराना
वीकेंड पर दिल्ली के पास नीमराना परफेक्ट जगह है। नीमराना फोर्ट राजस्थान के अलवर जिले में पहाड़ी पर स्थित एक ऐतिहासिक जगह है। दिल्ली से सिर्फ 122 किलोमीटर पर स्थित नीमराना फोर्ट जाकर आप राजसी ठाट का आनंद ले सकते हैं। यह जगह काफी रोमांटिक है। आप यहां के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के बीच कुछ सुखद पल सुकून के साथ बिता सकते हैं।
2. कुरुक्षेत्र
दिल्ली से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कुरुक्षेत्र। यह हरियाणा का एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का तीर्थ स्थल है। महाभारत में इस जगह का धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के रुप में जिक्र है। कुरुक्षेत्र के पास ज्योतिसर में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता के कर्म का उपदेश दिया था। यहां एक विशाल बरगद का वृक्ष- अक्षय वट है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसी वट वृक्ष के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था।
3. आगरा
दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है आगरा। आगरा का नाम आते ही सबसे पहले ताजमहल का नाम जेहन में आता है। आप दिल्ली से बस, ट्रेन या अपनी गाड़ी से यहां जा सकते है। सुबह जाकर शाम में लौट भी सकते हैं। यहां ताज के अलावा आप आगरा का किला, स्वामी जी महाराज की समाधि, राम बाग, महताब बाग, इत्माद-उद-दौला का मकबरा, जामा मस्जिद, श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट को भी देख सकते हैं।
4. फतेहपुर सीकरी
दिल्ली से वीकेंड पर आप आगरा जाकर वहां से 37 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी भी जा सकते हैं। इसे बादशाह अकबर ने बनाया था। फतेहपुर सीकरी में स्थित इमारतों की वास्तुकला अद्भुत है। यहां आकर आप एक असीम शांति का अनुभव करेंगे। पर्यटक यहां आकर सूर्योदय या सूर्यास्त जरूर देखते हैं। ये बहुत ही खूबसूरत दृश्य होता है।
5. मथुरा- वृंदावन
दिल्ली के पास भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली जाकर आप प्रेम की दुनिया में खो सकते हैं। यह आगरा से पहले ही है। यहां आप श्रीकृष्ण बांके बिहारी से जुड़े कई मंदिरों में जाकर दर्शन पूजा-अर्चना कर सकते है। यहां इस्कॉन और प्रेम मंदिर में जाकर खुद को एक अलग ही दुनिया में महसूस करेंगे। यहां राधे-राधे के भक्तिमय माहौल में पेड़ा, लस्सी के साथ चाट खाना मिस नहीं कीजिएगा।
6. हरिद्वार
हरिद्वार को हरि का द्वार कहा जाता है। हिंदू धर्म के चार धाम- केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की यात्रा हरिद्वार से ही शुरू होती है। गंगा किनारे बसा यह शहर आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। हरिद्वार में बारह साल में कुंभ और छह साल में अर्धकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। आप यहां हर की पौड़ी में पवित्र गंगा में स्नान कर घाट पर दर्शन के बाद चण्डी देवी मंदिर और मनसा देवी मंदिर में पूजा अर्चना कर सकते हैं।
7. ऋषिकेश
योग नगरी ऋषिकेश को विश्व की योगा कैपिटल भी कहते हैं। यहां ध्यान लगाने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां गंगा किनारे बने आश्रमों ने ऋषियों के साथ दुनिया भर से आए पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यहां कई प्राचीन मंदिर है। यहां कई आश्रम, योग संस्थान और शानदार स्पा रिसॉर्ट भी हैं। यह एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी प्रमुख केंद्र है। यहां आप योग के साथ व्हाइट वॉटर राफ्टिंग, बंजी जम्पिंग, कैनोइंग, पैरा ग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइमबिंग, कैंपिंग और बोनफायर और जिपलाइन टूर का भी आनंद ले सकते हैं।
8. देहरादून
उत्तराखंड की राजधानी है देहरादून। हिमालय घाटी में स्थित यह बेहद खूबसूरत शहर है। गर्मी के मौसम में दिल्ली से वीकेंड पर यहां काफी पर्यटक आते हैं। अपनी गाड़ी के साथ आप बस या ट्रेन से भी आ सकते हैं। यहां आप सहस्त्रधारा के साथ वन अनुसंधान संस्थान और नेशनल डिफेंस अकादमी भी जा सकते हैं। यह काफी हरा-भरा शहर है और जरा सी गर्मी होती है कि बारिश होने लगती है। बारिश के समय देहरादून काफी खूबसूरत लगता है।
9. मसूरी
दिल्ली से करीब 270 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी उत्तराखंड का एक प्रमुख हिल स्टेशन है। यह देहरादून के करीब 28 किलोमीटर दूर है। देहरादून आने वाले पर्यटक यहां जरूर आते हैं। वैसे तो यहां सालों भर पर्यटक आते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में यहां कुछ ज्यादा ही भीड़ रहती है। दिल्ली-एनसीआर से काफी लोग यहां वीकेंड पर पहुंचते हैं। यहां का मौसम बहुत ही शानदार रहता है। यहां आप मॉल रोड घूमने के साथ पास ही केम्पटी फॉल भी जा सकते हैं।
10. अलवर- भानगढ़ का किला
दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूर राजस्थान के अलवर जिले में है भानगढ़ का किला। इसे भूतिया किला भी कहते हैं। किले के बाहर भारतीय पुरातत्व विभाग का बोर्ड लगा है, जिसमें लिखा है कि यहां सूर्यास्त के बाद प्रवेश वर्जित है, लेकिन इसके बाद भी इस हांटेड पैलेस में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लोग यहां आकर घूम-फिर कर शाम ढलने से पहले यहां से विदा ले लेते है। लोग यहां के प्राकृतिक दृश्यों के साथ कौतुहल वाले स्थानों की सैर करने बड़ी संख्या में आते हैं।
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-हितेन्द्र गुप्ता
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