देश के लोकतंत्र का मंदिर है देश का संसद भवन। यह दुनियाभर में सबसे आकर्षक संसद भवन है। इस भवन में देश की संसदीय कार्यवाही होती है। देश भर के लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि यहीं पर चर्चा करते हैं और कानून बनाने का काम करते हैं। संसद सत्र के समय लोकसभा और राज्यसभा दोनों सनद के सदस्य कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।
संसद देश का सबसे बड़ा विधायी निकाय है। संसद राष्ट्रपति, लोक सभा और राज्य सभा से मिल कर बनती है। राष्ट्रपति के पास संसद के किसी भी सदन की बैठक बुलाने और सत्रावसान करने या लोक सभा को भंग करने का अधिकार है। दोनों सदनों का मुख्य कार्य कानून पारित करना है। किसी भी विधेयक के कानून बनने के पहले इसे दोनों सदनों में पारित किया जाना होता है फिर राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होती है।
लोक सभा देश के आम लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। लोकसभा के सदस्य देश भर से मतदान के जरिए चुनकर आते हैं। 25 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़कर लोकसभा में आ सकता है। लोक सभा की वर्तमान सदस्य संख्या 545 है। लोक सभा का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। लोक सभा में एक लोक सभा अध्यक्ष होते हैं। इनका चुनाव लोक सभा सांसद करते हैं। जबकि उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होते हैं और राज्य सभा के उप सभापति का चुनाव राज्य सभा सांसद करते हैं।
राज्य सभा संसद का उच्च सदन है। वर्तमान में राज्य सभा में 245 सदस्य है। राज्य सभा सांसदों का चुनाव आम मतदाता नहीं करते। राज्य सभा सांसदों का चुनाव राज्यों की विधान सभाओं द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से होता है। 30 साल से ऊपर को कोई भी व्यक्ति राज्य सभा का चुनाव लड़ सकता है। राज्य सभा के 12 सांसदों को राष्ट्रपति नामांकित करते हैं।
संसद भवन करीब छह एकड़ में फैला हुआ है। यह एक वर्गाकार भवन है। इस संसद भवन परिसर में पार्लियामेंट एनेक्सी, पार्लियामेंट लाइब्रेरी भी है। संसद भवन में 12 गेट हैं जिसके पांच गेट के सामने मंडप बने हुए हैं। इस भवन के पहली मंजिल पर चारों ओर गोलाकार रूप में सभी को मिलाकर कुल 144 खंभे हैं। इन हर खंभों की ऊंचाई 27 फीट है। ये खंभे संसद भवन की पहचान है। इस बिल्डिंग को एक अलग ही पहचान देते हैं।
संसद भवन में मेन हाल है सेंट्रल हाल। सेंट्रल हाल के गुंबद की ऊंचाई 118 फीट है। पार्लियामेंट का ज्वाइंट सेशन इसी कक्ष में होता है। संविधान सभा की बैठक यही हुई थी और आजादी के बाद अंग्रेजों ने इसी सेंट्रल हाल में भारतीयों के सत्ता सौंपी थी। इसी हाल के पास है लोकसभा, राज्यसभा और लाइब्रेरी। आकार में लोकसभा का हाल राज्यसभा के हाल से बड़ा है। संसद भवन में कई सचिवालय कार्यालय और कई समितियों के कक्ष भी हैं।
संसद भवन की वास्तुकला बेहतरीन है। बलुआ पत्थर से बने इस भवन का डिजाइन सर एडविन ल्यूटिन्स और हर्बर्ट बेकर ने तैयार किया था। इस भवन का निर्माण 1921 से 1927 के बीच किया गया। संसद भवन की नींव कनॉट के ड्यूक ने डाली थी और इसका उद्घाटन 1927 में लॉर्ड और लेडी इरविन ने किया था।
संसद भवन परिसर में करीब 10 एकड़ में बनी पार्लियामेंट एनेक्सी बिल्डिंग है। परिसर में महात्मा गांधी की एक विशाल प्रतिमा है। संसद भवन परिसर में एक विशाल पुस्तकालय है। यहां 15 लाख से अधिक पुस्तकें हैं। अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं के लगभग 300 समाचारपत्र यहां आते हैं। यहां 1100 के करीब पत्र-पत्रिकाओं, कला पुस्तकों का विशाल संग्रह है।
संसद भवन में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रहती है। यहां कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकता है। वैसे यहां संसद सत्र के दौरान छात्रों, पर्यटकों और संसदीय कार्यवाही के बारे में जानने वालों को संसद भवन घूमने की व्यवस्था की जाती है। अगर आप यहां घूमना या संसद कार्यवाही को देखना चाहते हैं तो अपने क्षेत्र के सांसद महोदय से संपर्क कर यहां जा सकते है।
लोकसभा या राज्यसभा गैलरी में जाकर कार्यवाही देखने के लिए किसी सांसद या अधिकारी के जरिए विजिटर पास के लिए अप्लाई करने होते हैं। इसके लिए आप लोकसभा या राज्यसभा सचिवालय के किसी अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। या फिर पार्लियामेंट कवर करने वाले पत्रकार से विजिटर पास के लिए जानकारी पा सकते हैं।
आप विजिटर पास के लिए किसी संसद सदस्य का सिफारिशी पत्र लेकर पार्लियामेंट रिशेप्शन पर भी संपर्क कर सकते हैं। आपके पास आधार कार्ड या वोटर कार्ड की तरह कोई पहचान पत्र जरूर होने चाहिए। संसद भवन में प्रवेश के समय आपके पास कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान नहीं होने चाहिए। अंदर जाने के समय मोबाइल कैमरा रिशेप्शन पर जमा कराने होते हैं।
कैसे पहुंचे-
संसद भवन दिल्ली का एक प्रमुख इमारत है। यहां पहुंचना काफी आसान है। दुनिया के किसी भी कोने से दिल्ली आकर आप यहां पहुंच सकते हैं। मेट्रो से आप केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन उतर यहां पैदल आ सकते हैं।
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