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दिल्ली में हैं तो घूम आइए राष्ट्रपति भवन स्थित अमृत उद्यान, एंट्री है फ्री

प्रकृति से प्रेम करने वाले देश-दुनिया के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अगर आप दिल्ली में हैं तो ये मौका आपको नहीं चूकना चाहिए। राष्ट्रपति भवन स्थित अमृत उद्यान 2 फरवरी से आम लोगों के लिए खुलने जा रहा है। मुगल गार्डन के नाम से फेमस इस अमृत उद्यान की खूबसूरती का आनंद  आप 31 मार्च तक ले सकते हैं।

ये हैं दिल्ली के टॉप 10 पर्यटक स्थल, नए साल में आप भी घूम आइए

दिल्ली देश की राजधानी है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं। दिल्ली में इंडिया गेट, लाल किला, कुतुब मीनार सहित कई पर्यटक स्थल हैं। यहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। अब जब कोरोना संकट के बाद लोग एक बार फिर से बाहर घूमने-फिरने के लिए निकलने लगे हैं तो दिल्ली में एक बार

दिल्ली में हैं तो नवरात्रि पर इन दुर्गा मंदिरों में जरूर जाइए

दुर्गा पूजा तो वैसे बंगाल-बिहार का मशहूर है। लेकिन नवरात्रि के दौरान दिल्ली में एक अलग ही उमंग होता है। दिल्ली के लोग नवरात्र को काफी आनंद और उत्साह के साथ मनाते हैं। बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं और रामलीला का मंचन भी होता है। दशहरा के दिन रावण वध देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते हैं। इस सबके बीच दिल्ली के कुछ दुर्गा मंदिर हैं, जिसकी हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के बीच काफी मान्यता है।

दिल्ली के 7 सबसे लोकप्रिय मंदिर, जहां श्रद्धालुओं की ही नहीं पर्यटकों की भी लगी रहती है भीड़

दिल्ली देश की राजधानी है। यहां दुनिया के तमाम देशों के दूतावास और उच्चायोग हैं। यहां कई पर्यटक स्थल हैं। लाल किला, कुतुब मीनार, जंतर-मंतर, इंडिया गेट जैसे दर्शनीय स्थल हैं। दिल्ली में मुगल गार्डन, लोधी गार्डन और गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज जैसे कई उद्यान हैं। यहां दुनिया भर से पर्यटक घूमने आते हैं।

लाल किला: आखिर इस महल के बारे में आप क्या और कितना जानते हैं?

लाल किला दुनिया के सबसे प्रभावशाली महलों में से एक है। सभी देशवासी जानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री हर साल यहां 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। लाल किले के प्राचीर से हर 15 अगस्त को होने वाले इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को हम सब देखते हैं। लेकिन लालकिले के बारे में आप इससे ज्यादा क्या जानते हैं।

सफदरजंग मकबरा: दिल्ली की इस ऐतिहासिक इमारत में जाते हैं खास लोग

सफदरजंग मकबरा दिल्ली की एक ऐतिहासिक इमारत है। यह मकबरा सफदरजंग एयरपोर्ट के पास अरविंदो मार्ग पर है। संगमरमर और बलुआ पत्थर से बना यह मकबरा वास्तुशिल्प का बेहतरीन उदाहरण है। यह मकबरा सफदरजंग यानी मुकीम अबुल मंसूर खान की याद में उसके बेटे अवध के नवाब शुजाउद्दौला खां ने बनाया था। शुजाउद्दौला ने इस वर्ष 1753-54 में बनवाया था। मुकीम अबुल मंसूर खान अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के अधीन अवध के वाइसराय थे जो बाद में उनके प्रधानमंत्री बने। मुहम्माद शाह ने उन्हें सफदरजंग की उपाधि प्रदान की थी।

राजघाट- जानिए बापू से जुड़े इस स्थल के बारे में सब कुछ

राजघाट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का समाधि स्थल है। यहां 31 जनवरी ,1948 को उनका अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिस संस्कार के बाद काफी दिनों तक यह स्थल यूं ही पड़ा रहा। बाद में वानू जी भूपा ने इसका डिजाइन तैयार कर एक वर्गाकार जगह में यह समाधि बनाई। यहां काले रंग के संगमरमर से बने एक मंच या चबूतरे पर बापू के बोले अंतिम शब्द 'हे राम' भी अंकित है।

राष्ट्रीय समर स्मारक: जानें आजादी के बाद शहीद सैनिकों के लिए बना यह मेमोरियल क्यों है खास

राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial)  दिल्ली में इंडिया गेट के पास सुरक्षा बलों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया एक स्मारक है। इसे आजादी के बाद से देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। करीब 44 एकड़ में बने इस नेशनल वॉर मेमोरियल में 1947-48 ( पाकिस्तान), 1961 (गोवा), 1962 ( भारत-चीन युद्ध), 1965, 1971, 1987 (पाकिस्तान), 1987-88 (श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के ऑपरेशन), 1999 ( कारगिल, भारत-पाकिस्तान) और अन्य युद्धों में शहीद हुए 25,942 सैनिकों के नाम पत्थर पर लिखे गए हैं।

संसद भवन- आप भी जा सकते हैं यहां घूमने

देश के लोकतंत्र का मंदिर है देश का संसद भवन। यह दुनियाभर में सबसे आकर्षक संसद भवन है। इस भवन में देश की संसदीय कार्यवाही होती है। देश भर के लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि यहीं पर चर्चा करते हैं और कानून बनाने का काम करते हैं। संसद सत्र के समय लोकसभा और राज्यसभा दोनों सनद के सदस्य कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।

बेहद भव्य और शानदार है दिल्ली-एनसीआर का पहला इस्कॉन मंदिर

दिल्ली-एनसीआर में बना पहला इस्कॉन मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में है। इसे श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह खूबसूरत लोटस टैंपल और कालकाजी मंदिर के पास है। इस मंदिर की वास्तुकला शानदार है। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। यहां आकर घंटों बैठकर राधा-कृष्णा की मूर्ति को निहारते रहने का मन करता है।

झंडेवाला मंदिर: जानिए कैसे पड़ा इस मंदिर का नाम और क्या है इसका ऐतिहासिक महत्व

दिल्ली में करोलबाग के पास एक प्राचीन मंदिर है झंडेवाला मंदिर। यह मंदिर दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस से भी सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। झंडेवाला मंदिर जहां है वह इलाका झंडेवाला के नाम से ही मशहूर हो गया है। यह सिर्फ दिल्ली ही नहीं देश-विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है। झंडेवाला मंदिर झंडेवाली देवी को समर्पित एक सिद्धपीठ है। इस मंदिर का धाार्मिक ही नही ऐतिहासिक महत्व भी है।

कालकाजी मंदिर: यहां प्रकट हुई थीं मां महाकाली

दिल्ली में नेहरू प्लेस के पास माता कालका को समर्पित श्री कालकाजी मंदिर है। श्री कालकाजी मंदिर के कारण यह इलाका कालकाजी के नाम से दुनिया भर में फेमस है। यह मंदिर दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। माता कालका मां काली देवी की अवतार हैं। श्री कालकाजी मंदिर को जयंती पीठ या मनोकामना सिद्ध पीठ भी कहते हैं। मान्यता  है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

आद्या कात्यायिनी छतरपुर मंदिर, दिल्ली

दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित है आद्या कात्यायिनी मंदिर। छतरपुर इलाके में होने का कारण लोग इसे छतरपुर मंदिर भी कहते हैं। देवी दुर्गा के छठे स्‍वरूप माता कात्यायनी को समर्पित यह मंदिर देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। करीब 70 एकड़ में फैला यह मंदिर बेहद खूबसूरत है। संगमरमर निर्मित इस मंदिर की वास्तुकला, नक्‍काशी अपने आप में बेजोड़ है। बताया जाता है कि इसमें वास्तुकला की द्रविड़ और नागर शैलियों का प्रयोग हुआ है।

गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब दिल्ली- सुकून की तलाश में यहां आते हैं लोग

दिल्ली के दिल में कनॉट प्लेस के पास स्थित गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब सिक्खों का एक प्रमुख गुरुद्वारा है। यह कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़गसिंह मार्ग पर प्राचीन हनुमान मंदिर के पास स्थित है। यह सिक्खों के आठवें गुरु श्री हर किशन सिंह जी की याद में बनाया गया है। इसे सिक्ख जनरल बघेल सिंह ने साल 1783 में बनाया था।

दुनिया के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है दिल्ली का लोटस टेंपल, यहां पूजा नहीं प्रार्थना होती है

दिल्ली में कालकाजी मंदिर, नेहरू प्लेस के पास है लोटस टेंपल। कमल की तरह बने होने के कारण दुनिया भर के लोग इसे लोटस टेंपल के नाम से जानते हैं। बहाई धर्म के लोगों के इस उपासना स्थल को बहाई उपासना मंदिर भी कहते हैं। हालांकि यह बहाई धर्म के लोगों का उपासना स्थल है, लेकिन यहां सभी धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं। यहां सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों के लेख का पाठ किया जाता है। इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है और यहां कोई पूजा-पाठ भी नहीं की जाती है। लोग यहां आकर शांति से ध्यान लगाकर प्रार्थना करते हैं।

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली: जहां जाने पर आपको मिलेगा स्वर्गिक आनंद

दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित स्वामीनारायण मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए दुनियाभर में मशहूर है। करीब 100 एकड़ में फैला यह अक्षरधाम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिर परिसर के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से बनाया गया है। इसे आम भक्तों- श्रद्धालुओं के लिए 6 नवंबर, 2005 को खोला गया था।

अक्षरधाम मंदिर सहज आनंद वाटर शो- तैयार हो जाइए एक अलग दुनिया में जाने के लिए...

कोरोना महामारी के कारण आजकल दिल्ली स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद है। लेकिन जब खुला रहता है तो मंदिर प्रागंण में बने यज्ञपुरुष कुंड में हर शाम सहज आनंद वाटर शो का आयोजन किया जाता है। सिर्फ 24 मिनट के सहज आनंद वाटर शो में आपके सामने मल्टी-कलर लेजर शो, वीडियो प्रोजेक्शन्स, वाटर जेट, पानी की लहरों और रोशनी के साथ सिम्फनी सराउंड साउंड से एक ऐसा सुंदर कार्यक्रम पेश किया जाता है कि आप खुद को एक अलग ही दुनिया में पाते हैं। इस सहज आनंद वाटर शो के दौरान आप सब कुछ भूलकर, सुध-बुध खोकर एकटक शो को देखने में लगे रहते हैं। आपको इस दौरान खुद के होने का भी एहसास नहीं होता। आप खुद में वापस लौटते हैं शो के खत्म होने के बाद ही। इस शो में केना उपनिषद से लिए गए कहानी के जरिए आपको सहज आनंद से परिचय कराया जाता है। जीवन में सहज आनंद के लिए आपका ये शो देखना जरूर बनता है। अब जब भी कभी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर आइए शाम में इस शो का आनंद जरूर लीजिए। तब तक शो के कुछ बेहतरीन तस्वीरों को देखिए-  सभी फोटो सौजन्य- Swaminarayan Akshardham Mandir मंदिर परिसर के अंदर कैमरा, मोबाइल के साथ किसी...

कुतुब मीनार- ईंटों से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार

दिल्ली के महरौली इलाके में बना 'कुतुब मीनार' ईंटों से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है। दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक में 1192 में इसके निर्माण का काम शुरू करवाया था, लेकिन वह ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रहा और इस इमारत को पूरा बनते नहीं देख पाए। कुतुबुद्दीन ऐबक के बाद उसके उत्तराधिकारियों इल्तुतमिश और फिरोज शाह तुगलक ने इसका निर्माण पूरा करवाया।

Mughal Garden: आप भी कर सकते हैं राष्ट्रपति भवन स्थित इस खूबसूरत उद्यान की सैर

नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन दुनिया के सबसे खूबसूरत उद्यानों में से एक है। अगर आप प्रकृति और खूबसूरत फूलों को पसंद करते हैं तो कम से कम एक बार इस मुगल गार्डन को देखने एक बार जरूर जाना चाहिए। यह अपनी तरह का अकेला गार्डन है जहां आपको दुनियाभर के सैकड़ों सुंदर फूलों को देखने का मौका मिलेगा। यहां आपको देखने के लिए कई तरह के रंग-बिरंगे सुगंधित फूल के साथ सैकड़ों पेड़-पौधे और फव्वारे मिलेंगे।

Jantar Mantar: ज्ञान-विज्ञान में दिलचस्पी है तो जंतर-मंतर वेधशाला जरूर आएं

जंतर-मंतर का नाम आते ही सबसे पहले जेहन में जो तस्वीर उभर कर सामने आती है, वो धरना-प्रदर्शन की होती है। यहां सालों भर किसी ना किसी चीज को लेकर विरोध प्रदर्शन होते रहता है। यहां एक साथ कई प्रदर्शन होते रहते हैं। जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगते रहते हैं। यहां ज्यादातर जाना भी इसी सिलसिले में होता है। लेकिन यह जंतर-मंतर का धरना-प्रदर्शन स्थल खगोलीय वेधशाला को लेकर प्रसिद्ध है।