Skip to main content

राजघाट- जानिए बापू से जुड़े इस स्थल के बारे में सब कुछ

राजघाट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का समाधि स्थल है। यहां 31 जनवरी ,1948 को उनका अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिस संस्कार के बाद काफी दिनों तक यह स्थल यूं ही पड़ा रहा। बाद में वानू जी भूपा ने इसका डिजाइन तैयार कर एक वर्गाकार जगह में यह समाधि बनाई। यहां काले रंग के संगमरमर से बने एक मंच या चबूतरे पर बापू के बोले अंतिम शब्द 'हे राम' भी अंकित है।
यमुना नदी के तट पर स्थित यह जगह काफी हरा-भरा है। समाधि के चारों तरफ हरियाली के लिए काफी जगह छोड़ा गया है। यहां उद्यान में पेड़ों को बड़े ही सुंदर तरीके से लगाया गया है। करीब 5.1 एकड़ में फैला राजघाट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देश की आजादी के प्रति उनके योगदान की भी याद दिलाता है। समाधि के चबूतरे का पास ही एक ज्योति लगातार जलती रहती है।
फोटो अतुल्य भारत

बापू की समाधि उनकी ही तरह सादगी का परिचय देती है। भारत यात्रा पर आने वाले विदेशी मेहमान राजघाट आकर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और यहां पौधा भी लगाते हैं। यहां ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप, मार्टिन लूथर किंग, आइजनहावर सहित कई बड़े नेता यहां आ चुके हैं।

महात्मा गांधी की जयंती और पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक तमाम बड़े नेता राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि देने आते है। महात्मा गांधी को शुक्रवार 30 जनवरी, 1948 को बिड़ला हाउस में शाम 5 बजकर 17 मिनट पर गोली मारी गई थी। उस याद में हर शुक्रवार को यहां एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। इसमें आप भी शामिल हो सकते हैं।

फोटो पीआईबी
राजघाट के पास ही गांधीजी को समर्पित संग्रहालय है। संग्रहालय में बापू से संबंधित कई चीजे रखी गई हैं। यहां आप स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित कई पहलुओं से परिचित हो सकते हैं। राजघाट आने वाले ज्यादातर लोग यहां जरूर जाते हैं। यहां एक पुस्तकालय भी है, जिसमें राष्ट्रपिता गांधी जी से संबंधित 30 हजार से ज्यादा किताबें हैं।

राजघाट के पास ही जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी जैसे कई और नेताओं के भी स्मारक भी हैं। आप वहां भी जा सकते हैं। कुछ दूरी पर ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि स्थल सदैव अटल है। आप यहां से लाल किला, जामा मस्जिद और चांदनी चौक भी जा सकते हैं।

राजघाट पर्यटकों के लिए 5 बजे सुबह से शाम साढ़े 7 बजे तक गर्मी में और सर्दी में साढ़े 5 से शाम सात बजे तक खुला रहता है। राजघाट सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है।

यहां आप सालों भर आ सकते हैं, लेकिन गर्मी और सर्दी में आप यहां परेशान हो सकते हैं। गर्मी में यहां सुबह और शाम के समय आ सकते हैं। वैसे फरवरी-मार्च और सितंबर से नवंबर तक का समय दिल्ली घूमने के लिए बेहतर रहता है।

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। 

-हितेन्द्र गुप्ता

Comments

Popular posts from this blog

Rajnagar, Madhubani: खंडहर में तब्दील होता राजनगर का राज कैंपस

राजनगर का ऐतिहासिक राज कैंपस खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बिहार के मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह राज कैंपस राज्य सरकार की अनदेखी के कारण उपेक्षित पड़ा हुआ है। यह कैंपस इंक्रीडेबल इंडिया का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां के महल और मंदिर स्थापत्य कला के अद्भूत मिसाल पेश करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, कलाकारी और कलाकृति देखकर आप दंग रह जाएंगे।

अहिल्या स्थान: जहां प्रभु राम के किया था देवी अहिल्या का उद्धार

मिथिला में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है अहिल्या स्थान। हालांकि सरकारी उदासीनता के कारण यह वर्षों से उपेक्षित रहा है। यहां देवी अहिल्या को समर्पित एक मंदिर है। रामायण में गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या का जिक्र है। देवी अहिल्या गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बन गई थीं। जिनका भगवान राम ने उद्धार किया था। देश में शायद यह एकमात्र मंदिर है जहां महिला पुजारी पूजा-अर्चना कराती हैं।

उत्तर प्रदेश के वे टॉप 10 पर्यटन स्थल, जहां गए बिना आपकी यात्रा नहीं होगी पूरी

उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। उत्तर प्रदेश काफी खूबसूरत राज्य है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। भगवान राम की नगरी अयोध्या, भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन से लेकर भगवान बुद्ध से संबंधित सारनाथ और कुशीनगर जैसे धार्मिक स्थलों पर हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। महादेव की नगरी काशी, कुंभनगरी प्रयागराज से लेकर प्रेम प्रतीक की नगरी आगरा जैसे पर्यटक स्थल घुमक्कड़ों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बने हुए हैं। नजाकत, नफासत और तहजीब के शहर लखनऊ गए बिना तो जैसे आपकी यात्रा पूरी ही नहीं होगी। सभी फोटो- यूपी टूरिज्म नए साल में लोग फिर से घर से बाहर निकला शुरू कर दिए हैं। वे नई-नई जगहों पर जा रहे हैं तो ऐसे में आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के उन टॉप 10 पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आप देश के किसी भी कोने से आसानी से पहुंच सकते हैं। 1. वाराणसी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को बनारस या काशी के नाम से भी जानते हैं। काशी दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी के रूप में विख्यात है। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे का

World Peace Pagoda, Vaishali: विश्व को शांति का संदेश देता वैशाली का विश्व शांति स्तूप

वैशाली का विश्व शांति स्तूप आज भी विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। लोकतंत्र की जननी वैशाली ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है। यहां जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर की जन्मस्थली बासोकुंड यानी कुंडलपुर है। अशोक का लाट यानी अशोक स्तंभ, दुनिया का सबसे प्राचीन संसद भवन राजा विशाल का गढ़, बौद्ध स्तूप, अभिषेक पुष्करणी, बावन पोखर और सबसे प्रमुख जापान की ओर बनवाया गया विश्व शांति स्तूप है।

Birla Temple Delhi: बिरला मंदिर, दिल्ली- जहां जाति-धर्म के नाम पर नहीं होता किसी से कोई भेदभाव

दिल वालों की दिल्ली में एक ऐसा मंदिर है जहां जाति-धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से विख्यात इस मंदिर को देश-दुनिया के लोग बिरला मंदिर के नाम से जानते हैं।

जल मंदिर पावापुरी: भगवान महावीर का निर्वाण स्थल, जहां उन्होंने दिया था पहला और अंतिम उपदेश

जल मंदिर पावापुरी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान महावीर को इसी स्थल पर मोक्ष यानी निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक पवित्र शहर है। बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के पास पावापुरी में यह जल मंदिर है। यह वही जगह है जहां भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला और आखिरी उपदेश दिया था। भगवान महावीर ने इसी जगह से विश्व को अहिंसा के साथ जिओ और जीने दो का संदेश दिया था।

ये हैं दिल्ली के टॉप 10 पर्यटक स्थल, नए साल में आप भी घूम आइए

दिल्ली देश की राजधानी है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं। दिल्ली में इंडिया गेट, लाल किला, कुतुब मीनार सहित कई पर्यटक स्थल हैं। यहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। अब जब कोरोना संकट के बाद लोग एक बार फिर से बाहर घूमने-फिरने के लिए निकलने लगे हैं तो दिल्ली में एक बार

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: जहां प्रतिदिन शयन करने आते हैं भोलेनाथ महादेव

हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है और ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में चौथा है। मध्यप्रदेश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर- ममलेश्वर महादेव के रूप में। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इंदौर से 77 किलोमीटर पर है। मान्यता है कि सूर्योदय से पहले नर्मदा नदी में स्नान कर ऊं के आकार में बने इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन से सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

Contact Us

Work With Me FAM Trips, Blogger Meets या किसी भी तरह के collaboration के लिए guptahitendra [at] gmail.com पर संपर्क करें। Contact me at:- Email – guptagitendra [@] gmail.com Twitter – @GuptaHitendra Instagram – @GuptaHitendra Facebook Page – Hitendra Gupta

संसद भवन- आप भी जा सकते हैं यहां घूमने

देश के लोकतंत्र का मंदिर है देश का संसद भवन। यह दुनियाभर में सबसे आकर्षक संसद भवन है। इस भवन में देश की संसदीय कार्यवाही होती है। देश भर के लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि यहीं पर चर्चा करते हैं और कानून बनाने का काम करते हैं। संसद सत्र के समय लोकसभा और राज्यसभा दोनों सनद के सदस्य कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।