दिल्ली देश की राजधानी है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं। दिल्ली में इंडिया गेट, लाल किला, कुतुब मीनार सहित कई पर्यटक स्थल हैं। यहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। अब जब कोरोना संकट के बाद लोग एक बार फिर से बाहर घूमने-फिरने के लिए निकलने लगे हैं तो दिल्ली में एक बार फिर से इन पर्यटक स्थलों पर रौनक लौट आई है। कई बार कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश या राजस्थान के पर्यटक स्थलों की ओर जाने वाले लोग भी दिल्ली में दो-चार दिन घूमने के लिए निकाल लेते हैं। अब नए साल मे आप भी दिल्ली के पर्यटक स्थलों को घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं। तो आइए डालते हैं दिल्ली के उन टॉप 10 पर्यटक स्थलों पर एक नजर जहां आप नए साल में देखने जा सकते हैं। दिल्ली के टॉप 10 पर्यटक स्थल ये हैं-
1. इंडिया गेट
इंडिया गेट दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यहां हर साल लाखों लोग आते हैं। सर्दी के मौसम में तो दिन भर लेकिन गर्मी में शाम में यहां विशेष चहल पहल रहती है। एक तरह से पिकनिक जैसा माहौल होता है। इंडिया गेट सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है। वैसे अब एक नया स्मारक बनाया गया है समर स्मारक। इसे प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीयों की याद में बनाया गया था। यह 42 मीटर ऊंचा और 9.1 मीटर चौड़ा है। इसके चारों और 13,516 भारतीय सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन के बीच के रास्ते को कर्तव्य पथ कहते हैं और हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को यहां परेड का आयोजन होता है। इंडिया गेट पास ही संसद भवन और राष्ट्रपति भवन है।
2. लाल किला
दिल्ली आने वाला हर पर्यटक कम से कम एक बार लालकिला जरूर जाता है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री यहां झंडा फहराते हैं। आपने भी या तो टीवी पर देखा होगा या रेडियो पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण सुना होगा। यह देश का एक प्रमुख किला है। यह लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। इसकी दीवार करीब 33 मीटर ऊंची और करीब ढाई किलोमीटर लंबी है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है। पूरा लालकिला करीब 256 एकड़ में फैला हुआ है। लाल किला के अंदर आप दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, रंग महल, नौबत खाना, मुतम्मन बुर्ज, मोती मस्जिद और म्यूजियम देख सकते हैं। यहां शाम में लाइट एंड साउंड शो भी देख सकते हैं।
3. कुतुब मीनार
कुतुब मीनार के बारे में बताया जाता है कि यह ईंटों से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है। यह साउथ दिल्ली के महरौली में स्थित है। हालांकि इसके निर्माण को लेकर विवाद है, लेकिन कहा जाता है कि दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 में इसके निर्माण शुरू करवाया था, उसके मरने के बाद इल्तुतमिश और फिरोज शाह तुगलक ने इसे पूरा बनवाया। कुछ इतिहासकारों का यह भी कहना है कि कुतुब मीनार असल में एक विष्णु स्तंभ है, जिसे सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक खगोलशास्त्री वराहमिहिर ने बनवाया था। पास में ही एक मस्जिद है कुव्वतुल इस्लाम। इसके बारे में कहा जाता है कि इसे 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया था। यहां के कई खंभों, मेहराबों, दीवार और छत पर हिंदूओं के धार्मिक प्रतिकों को आज भी देखा जा सकता है। 73 मीटर ऊंचे कुतुब मीनार में पांच मंजिलें हैं। मीनार के पास ही एक लौह स्तंभ है, जिसे अशोक स्तंभ के नाम से भी जाना जाता है। इस लौह स्तंभ के बारे में कहा जाता है कि इसमें कभी जंग नहीं लगती।
4. हुमायूं का मकबरा
दिल्ली में यह पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है। फोटोग्राफी के हिसाब से यह काफी खूबसूरत जगह है। हुमायूं का मकबरा करीब 30 एकड़ में फैला हुआ है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हुमायूं का मकबरा का निर्माण उनकी पत्नी हमीदा बानो बेगम ने कराया था। बताया जाता है कि मकबरे के अंदर 100 से भी अधिक मकबरे हैं। हुमायूं का मकबरा करीब 47 मीटर ऊंचा है। यह भी बताया जाता है कि ताजमहल का निर्माण इसी को देखकर कराया गया था। हुमायूं का मकबरा सफेद और लाल पत्थरों से बना है जबकि ताजमहल सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है। मकबरे के चारों और बना बाग भी काफी सुंदर है। पास में ही निजामुद्दीन दरगाह है आप वहां भी जा सकते हैं।
5. अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली का सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर परिसर करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है। बनने के बाद से ही यह दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटक स्थल बन गया है। अक्षरधाम मंदिर का असल नाम स्वामीनारायण मंदिर है। इसे बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से बनाया गया है। दुनिया भर में इस संस्था के कई मंदिर हैं और सभी एक से बढ़कर एक हैं। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए विख्यात है। मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की एक भव्य प्रतिमा है। मुख्य मंदिर 141.3 फीट ऊंचा, 316 फीच चौड़ा है। मंदिर में हिंदू धर्म से संबंधित करीब 20,000 मूर्तियां हैं। यह मंदिर सभी धर्म के लोगों के लिए खुला हुआ है। इस मंदिर में आप फोटोग्राफी नहीं कर सकते। वैसे मंदिर में प्रवेश फ्री है लेकिन यहां होने वाले कुछ स्पेशल शो के लिए आपको टिकट लेने होंगे। मंदिर के अंदर ही फूड कोर्ट में सात्विक भोजन की उत्तम व्यवस्था है।
6. छत्तरपुर मंदिर
दिल्ली के दक्षिणी भाग में यानी साउथ दिल्ली में है छतरपुर मंदिर। यह छतरपुर मंदिर काफी फेमस है, लेकिन इस मंदिर का मूल नाम है आद्या कात्यायिनी मंदिर। यह मंदिर देवी दुर्गा के छठे स्वरूप माता कात्यायनी को समर्पित है। यह मंदिर काफी बड़ा है और 70 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर की वास्तुकला, नक्काशी और कलाकारी देखने लायक है। यहां आकर आपका मन एकदम से भक्तिभाव से भर उठेगा। इस मंदिर को संत बाबा नागपाल ने बनाया था। यहां एक दर्जन से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिर हैं। यहां हनुमान जी की एक 101 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु यहां सेल्फी जरूर लेते हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
7. लोटस टेंपल
यह दिल्ली के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। यह इस्कॉन टेंपल और श्री कालकाजी मंदिर के पास है। कमल की फूल की तरह बने होने के कारण इसे कमल मंदिर यानी लोटस टेंपल कहते हैं। यह बहाई धर्म के लोगों का उपासना स्थल है, लेकिन यहां सभी धर्म के लोगों को आने की अनुमति है। इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है। आप यहां प्रार्थना कर सकते हैं, लेकिन यहां किसी तरह की आवाज करने की अनुमति नहीं है। यहां मंदिर की ओर से विभिन्न धर्म को ग्रंथो का पाठ किया जाता है। इस मंदिर में नौ अंक का बहुत अधिक महत्व दिया गया है। इसमें नौ द्वार, नौ कोने, नौ तालाब हैं। कमल के फूल भी नौ-नौ करके हैं। तीन क्रम में होने के कारण इनमें कुल 27 पंखुड़ियां हैं। यहां पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है।
8. इस्कॉन टेंपल
इस्कॉन टेंपल वैसे तो दुनिया भर में है, लेकिन दिल्ली का इस्कॉन टेंपल काफी फेमस है। ईस्ट ऑफ कैलाश में बना मंदिर दिल्ली का पहला इस्कॉन टेंपल है। इसकी वास्तुकला काफी शानदार और देखने लायक है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण, देवी राधा और अन्य देवताओं की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर में कई अन्य मूर्तियां भी है। देश-दुनिया के सभी इस्कॉन टेंपल में आरती के समय बड़ा भव्य माहौल रहता है और यहां के मंदिर में भी आरती के समय एकदम दिव्य माहौल रहता है। हरे कृष्णा महामंत्र संकीर्तन पर लोग झूम उठते हैं। भक्तिमय माहौल में मन को असीम शांति मिलती है। यहां के रेस्त्रां में आप सात्विक भोजन का भी आनंद ले सकते हैं। यहां पास में ही श्री कालकाजी मंदिर और लोटस टेंपल है। इसके साथ ही आप वहां भी जा सकते हैं
9. गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब दिल्ली में सिक्खों का एक प्रमुख गुरुद्वारा है। यहां आकर श्रद्धालुओं को असीम शांति का अनुभव होता है। गुरुद्वारे के चमकते सोने के गुंबद को देखकर ही मन अंदर से प्रफुल्लित हो उठता है। सभी धर्म के लोग यहां आते हैं। श्रद्धालु यहां बैठकर चल रहे कीर्तन का आनंद लेते हैं। यहां के पवित्र सरोवर की काफी मान्यता है। कहा जाता है कि इसके पवित्र जल से कई तरह बीमारियां दूर हो जाती हैं। लोग यहां के पवित्र जल का परिक्रमा भी करते हैं। यहां प्रतिदिन लंगर भी चलता है, जहां हजारों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके पास ही दिल्ली का प्राचीन हनुमान मंदिर है।
10. जंतर-मंतर
विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को जंतर-मंतर जरूर जाना चाहिए। दिल्ली के बीचों-बीच स्थित जंतर-मंतर एक खगोलीय वेधशाला है। इसका निर्माण 1724 में जयपुर के महाराजा जयसिंह ने करवाया था। महाराजा जयसिंह ने इसका निर्माण समय, चाल, दूरी की गणना के लिए कराया था। यहां आप सूर्य की रोशनी से ही दिन के समय-काल की गणना कर सही समय बता सकते हैं। इतना ही नहीं यहां आप खगोलीय पिंडों के बारे में एकदम सही जानकारी पा सकते हैं। यहां कई खगोलीय यंत्र हैं। इनमें मिश्र यंत्र, सम्राट यंत्र, राम यंत्र और जयप्रकाश यंत्र प्रमुख हैं।
एक बात जरूर ध्यान रखिएगा कि दिल्ली के ज्यादातर पर्यटन स्थल सोमवार को बंद रहते हैं।
इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।
-हितेन्द्र गुप्ता
1. इंडिया गेट
इंडिया गेट दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यहां हर साल लाखों लोग आते हैं। सर्दी के मौसम में तो दिन भर लेकिन गर्मी में शाम में यहां विशेष चहल पहल रहती है। एक तरह से पिकनिक जैसा माहौल होता है। इंडिया गेट सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है। वैसे अब एक नया स्मारक बनाया गया है समर स्मारक। इसे प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीयों की याद में बनाया गया था। यह 42 मीटर ऊंचा और 9.1 मीटर चौड़ा है। इसके चारों और 13,516 भारतीय सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन के बीच के रास्ते को कर्तव्य पथ कहते हैं और हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को यहां परेड का आयोजन होता है। इंडिया गेट पास ही संसद भवन और राष्ट्रपति भवन है।
2. लाल किला
दिल्ली आने वाला हर पर्यटक कम से कम एक बार लालकिला जरूर जाता है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री यहां झंडा फहराते हैं। आपने भी या तो टीवी पर देखा होगा या रेडियो पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण सुना होगा। यह देश का एक प्रमुख किला है। यह लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। इसकी दीवार करीब 33 मीटर ऊंची और करीब ढाई किलोमीटर लंबी है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है। पूरा लालकिला करीब 256 एकड़ में फैला हुआ है। लाल किला के अंदर आप दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, रंग महल, नौबत खाना, मुतम्मन बुर्ज, मोती मस्जिद और म्यूजियम देख सकते हैं। यहां शाम में लाइट एंड साउंड शो भी देख सकते हैं।
3. कुतुब मीनार
कुतुब मीनार के बारे में बताया जाता है कि यह ईंटों से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है। यह साउथ दिल्ली के महरौली में स्थित है। हालांकि इसके निर्माण को लेकर विवाद है, लेकिन कहा जाता है कि दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 में इसके निर्माण शुरू करवाया था, उसके मरने के बाद इल्तुतमिश और फिरोज शाह तुगलक ने इसे पूरा बनवाया। कुछ इतिहासकारों का यह भी कहना है कि कुतुब मीनार असल में एक विष्णु स्तंभ है, जिसे सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक खगोलशास्त्री वराहमिहिर ने बनवाया था। पास में ही एक मस्जिद है कुव्वतुल इस्लाम। इसके बारे में कहा जाता है कि इसे 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया था। यहां के कई खंभों, मेहराबों, दीवार और छत पर हिंदूओं के धार्मिक प्रतिकों को आज भी देखा जा सकता है। 73 मीटर ऊंचे कुतुब मीनार में पांच मंजिलें हैं। मीनार के पास ही एक लौह स्तंभ है, जिसे अशोक स्तंभ के नाम से भी जाना जाता है। इस लौह स्तंभ के बारे में कहा जाता है कि इसमें कभी जंग नहीं लगती।
4. हुमायूं का मकबरा
दिल्ली में यह पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है। फोटोग्राफी के हिसाब से यह काफी खूबसूरत जगह है। हुमायूं का मकबरा करीब 30 एकड़ में फैला हुआ है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हुमायूं का मकबरा का निर्माण उनकी पत्नी हमीदा बानो बेगम ने कराया था। बताया जाता है कि मकबरे के अंदर 100 से भी अधिक मकबरे हैं। हुमायूं का मकबरा करीब 47 मीटर ऊंचा है। यह भी बताया जाता है कि ताजमहल का निर्माण इसी को देखकर कराया गया था। हुमायूं का मकबरा सफेद और लाल पत्थरों से बना है जबकि ताजमहल सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है। मकबरे के चारों और बना बाग भी काफी सुंदर है। पास में ही निजामुद्दीन दरगाह है आप वहां भी जा सकते हैं।
5. अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली का सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर परिसर करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है। बनने के बाद से ही यह दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटक स्थल बन गया है। अक्षरधाम मंदिर का असल नाम स्वामीनारायण मंदिर है। इसे बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से बनाया गया है। दुनिया भर में इस संस्था के कई मंदिर हैं और सभी एक से बढ़कर एक हैं। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए विख्यात है। मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की एक भव्य प्रतिमा है। मुख्य मंदिर 141.3 फीट ऊंचा, 316 फीच चौड़ा है। मंदिर में हिंदू धर्म से संबंधित करीब 20,000 मूर्तियां हैं। यह मंदिर सभी धर्म के लोगों के लिए खुला हुआ है। इस मंदिर में आप फोटोग्राफी नहीं कर सकते। वैसे मंदिर में प्रवेश फ्री है लेकिन यहां होने वाले कुछ स्पेशल शो के लिए आपको टिकट लेने होंगे। मंदिर के अंदर ही फूड कोर्ट में सात्विक भोजन की उत्तम व्यवस्था है।
6. छत्तरपुर मंदिर
दिल्ली के दक्षिणी भाग में यानी साउथ दिल्ली में है छतरपुर मंदिर। यह छतरपुर मंदिर काफी फेमस है, लेकिन इस मंदिर का मूल नाम है आद्या कात्यायिनी मंदिर। यह मंदिर देवी दुर्गा के छठे स्वरूप माता कात्यायनी को समर्पित है। यह मंदिर काफी बड़ा है और 70 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर की वास्तुकला, नक्काशी और कलाकारी देखने लायक है। यहां आकर आपका मन एकदम से भक्तिभाव से भर उठेगा। इस मंदिर को संत बाबा नागपाल ने बनाया था। यहां एक दर्जन से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिर हैं। यहां हनुमान जी की एक 101 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु यहां सेल्फी जरूर लेते हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
7. लोटस टेंपल
यह दिल्ली के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। यह इस्कॉन टेंपल और श्री कालकाजी मंदिर के पास है। कमल की फूल की तरह बने होने के कारण इसे कमल मंदिर यानी लोटस टेंपल कहते हैं। यह बहाई धर्म के लोगों का उपासना स्थल है, लेकिन यहां सभी धर्म के लोगों को आने की अनुमति है। इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है। आप यहां प्रार्थना कर सकते हैं, लेकिन यहां किसी तरह की आवाज करने की अनुमति नहीं है। यहां मंदिर की ओर से विभिन्न धर्म को ग्रंथो का पाठ किया जाता है। इस मंदिर में नौ अंक का बहुत अधिक महत्व दिया गया है। इसमें नौ द्वार, नौ कोने, नौ तालाब हैं। कमल के फूल भी नौ-नौ करके हैं। तीन क्रम में होने के कारण इनमें कुल 27 पंखुड़ियां हैं। यहां पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है।
8. इस्कॉन टेंपल
इस्कॉन टेंपल वैसे तो दुनिया भर में है, लेकिन दिल्ली का इस्कॉन टेंपल काफी फेमस है। ईस्ट ऑफ कैलाश में बना मंदिर दिल्ली का पहला इस्कॉन टेंपल है। इसकी वास्तुकला काफी शानदार और देखने लायक है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण, देवी राधा और अन्य देवताओं की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर में कई अन्य मूर्तियां भी है। देश-दुनिया के सभी इस्कॉन टेंपल में आरती के समय बड़ा भव्य माहौल रहता है और यहां के मंदिर में भी आरती के समय एकदम दिव्य माहौल रहता है। हरे कृष्णा महामंत्र संकीर्तन पर लोग झूम उठते हैं। भक्तिमय माहौल में मन को असीम शांति मिलती है। यहां के रेस्त्रां में आप सात्विक भोजन का भी आनंद ले सकते हैं। यहां पास में ही श्री कालकाजी मंदिर और लोटस टेंपल है। इसके साथ ही आप वहां भी जा सकते हैं
9. गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब दिल्ली में सिक्खों का एक प्रमुख गुरुद्वारा है। यहां आकर श्रद्धालुओं को असीम शांति का अनुभव होता है। गुरुद्वारे के चमकते सोने के गुंबद को देखकर ही मन अंदर से प्रफुल्लित हो उठता है। सभी धर्म के लोग यहां आते हैं। श्रद्धालु यहां बैठकर चल रहे कीर्तन का आनंद लेते हैं। यहां के पवित्र सरोवर की काफी मान्यता है। कहा जाता है कि इसके पवित्र जल से कई तरह बीमारियां दूर हो जाती हैं। लोग यहां के पवित्र जल का परिक्रमा भी करते हैं। यहां प्रतिदिन लंगर भी चलता है, जहां हजारों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके पास ही दिल्ली का प्राचीन हनुमान मंदिर है।
10. जंतर-मंतर
विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को जंतर-मंतर जरूर जाना चाहिए। दिल्ली के बीचों-बीच स्थित जंतर-मंतर एक खगोलीय वेधशाला है। इसका निर्माण 1724 में जयपुर के महाराजा जयसिंह ने करवाया था। महाराजा जयसिंह ने इसका निर्माण समय, चाल, दूरी की गणना के लिए कराया था। यहां आप सूर्य की रोशनी से ही दिन के समय-काल की गणना कर सही समय बता सकते हैं। इतना ही नहीं यहां आप खगोलीय पिंडों के बारे में एकदम सही जानकारी पा सकते हैं। यहां कई खगोलीय यंत्र हैं। इनमें मिश्र यंत्र, सम्राट यंत्र, राम यंत्र और जयप्रकाश यंत्र प्रमुख हैं।
एक बात जरूर ध्यान रखिएगा कि दिल्ली के ज्यादातर पर्यटन स्थल सोमवार को बंद रहते हैं।
इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।
-हितेन्द्र गुप्ता
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