Skip to main content

वाराणसी में गंगा तट पर 5 स्टार होटल जैसी टेंट सिटी, जानिए क्या है खास और कैसे कराएंगे बुकिंग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा किनारे टेंट सिटी का उद्घाटन किया। गंगा तट पर रेत में बसी टेंट सिटी में 5 स्टार होटल जैसी आलीशान सुविधाएं मौजूद हैं। टेंट सिटी में पर्यटकों की लग्जरी सुविधाओं का विशेषतौर पर ख्याल रखा गया है। इको फ्रेंडली टेंट सिटी में कई तरह के विला बनाए गए हैं। जो काफी भव्य और आलीशान हैं।  


वैभव और विलासिता से परिपूर्ण इस टेंट सिटी में पर्यटकों की सेहत का भी पूरा ध्यान रखा गया है। गंगा तट के पास योग और ध्यान केंद्र बनाए गए हैं। जहां खुले आसमान के नीचे एक साथ सैकड़ों पर्यटक योग और ध्यान कर सकते हैं। आप अकेले भी रेत पर मैट बिछाकर गंगा किनारे बैठ दूसरी ओर मंदिरों को देखते हुए योग-ध्यान कर सकते हैं। यहां गंगा में बने तैरते कुंड में स्नान भी कर सकते हैं।


टेंट सिटी में स्विस काटेज, रिसेप्शन एरिया, गेमिंग जोन, रेस्टोरेंट, डायनिंग एरिया, कान्फ्रेंस स्थल, स्पा, योगा केंद्र, लाइब्रेरी, आर्ट गैलरी के साथ वाटर स्पोर्टस, कैमल, हार्स राइडिंग और अन्य खेल गतिविधियों के अलावा लोक कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ ले सकते हैं। यहां लगाए गए आर्ट एंड क्राफ्ट की दुकानों में आप स्थानीय उत्पादों को खरीद भी सकते हैं।


टेंट सिटी को इस तरह से बनाया गया है जिससे पर्यटकों को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक यहां का बेहतरीन दृश्य देखने को मिल सके। सुबह टेंट से निकलते ही सूर्य देवता के दर्शन के साथ सामने मां गंगा का दर्शन होंगे। मां गंगा के साथ अर्धचंद्राकार घाटों का नजारा तो देखने को मिलेगा ही, सुबह-शाम गंगा आरती के भी भव्य दर्शन हो सकेंगे।


पर्यटकों को नाव से टेंट सिटी तक आने-जाने की व्यवस्था की गई है। नाव से ही काशी विश्वनाथ सहित अन्य मंदिरों में दर्शन पूजन और गंगा आरती में जाने का इंतजाम किया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों का स्वागत बनारसी अंदाज में ढोल- नगारों के साथ किया जाएगा। मंगलाचरण के साथ आरती उतारी जाएगी और तिलक लगाकर उन्हें भीतर ले जाया जाएगा। इसी तरह जाते समय पुष्पवर्षा करके विदाई दी जाएगी।


वैसे तो बनारस की शाम की गंगा आरती प्रसिद्ध है लेकिन यहां आने वाले सैलानी सुबह में भी गंगा आरती का आनंद ले सकेंगे। घंट-घड़ियाल के मंत्र मुग्ध कर देने वाले धुन पर खुद को एक अलग ही दुनिया में पाएंगे। पर्यटकों को यहां संगीत में शहनाई, सारंगी, सितार, संतूर की धुन और तबले की थाप भी सुनने को मिलेगी। घाट के अलावा टेंट सिटी में भी गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा, जहां पर्यटक खुद गंगा आरती कर सकेंगे।


टेंट सिटी में आप बनारसी खान-पान का भी लुत्फ उठा सकेंगे। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक हर कौर में पर्यटकों को बनारसी स्वाद का आनंद मिलेगा। आप यहां चाट, कचौरी, सब्जी, मलाई, ठंडई के साथ बनारसी पान का पान कर सकेंगे। लेकिन एक बात का ध्यान रखिएगा कि यहां नॉनवेज और शराब के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। लंच और डिनर के साथ यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का रंग भी जमेगा।


वाराणसी प्रशासन की ओर से भी पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। पुलिस की चौकी भी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।


टेंट सिटी में रुकने के लिए बुकिंग शुरू हैं। पर्यटकों ने अपने लिए कमरे बुक कराने शुरू कर दिए हैं। पिलहाल 15 जनवरी से मई तक यहां रहने की सुविधा मिलेगी। बीच में बरसात के मौसम से पहले इसे हटा लिया जाएगा। बरसात के बाद ये टेंट सिटी फिर से बसा दी जाएगी। यहां दो कंपनी ने टेंट सिटी बसाए हैं। Tent City Varanasi by Praveg और Niraan- The Tent City Varanasi.


Tent City Varanasi by Praveg के लिए आप https://www.tentcityvaranasi.com  वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करा सकते हैं। इस टेंट सिटी में ठहरने का किराया 7,500 रुपये से लेकर 20,000 हजार रुपये प्रतिदिन तक है। टेंट सिटी का सबसे मंहगा कमरा गंगा दर्शन विला है। इसमें एक रात ठहरने के लिए 20 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। सबसे सस्ता डीलक्स टेंट 7,500 रुपये का है।


गंगा दर्शन विला
काशी सुइट
प्रीमियम टेंट
डीलक्स टेंट



Niraan- The Tent City Varanasi में तीन तरह के टेंट बने हुए हैं। डीलक्स टेंट, प्रीमियम टेंट और रॉयल विला। आप  https://niraantentcityvaranasi.com वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करा सकते हैं। इस टेंट सिटी में ठहरने का किराया 15,000 रुपये से लेकर 29,000 हजार रुपये प्रतिदिन तक है। टेंट सिटी का सबसे मंहगा कमरा गंगा रॉयल विला है। इसमें दो लोगों के साथ एक रात ठहरने के लिए 29 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। सबसे सस्ता डीलक्स टेंट 15000 रुपये का है। अलग से मैटरेस लेने पर आपको एक्सट्रा पैसे देने होंगे।


डीलक्स टेंट
प्रीमियम टेंट
रॉयल विला



फिलहाल तो ऑनलाइन बुकिंग शुरू है। आगे से आप रविदास घाट और नमो घाट पर बनाए गए काउंटर से भी बुकिंग करा सकते हैं।

कैसे पहुंचे वाराणसी-
इस यात्रा की शुरूआत वाराणसी से होती है। वाराणसी देश के सभी इलाके से बेहतर ढ़ंग से जुड़ा हुआ है। आप यहां रेल, सड़क या वायु मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।

कब जाना सही रहेगा-
टेंट सिटी गंगा नदी तट पर बसाए जाने के कारण बरसात में इसे हटा लिया जाएगा। यहां रहने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के बीच का है। 

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। 

-हितेन्द्र गुप्ता

Comments

Popular posts from this blog

Rajnagar, Madhubani: खंडहर में तब्दील होता राजनगर का राज कैंपस

राजनगर का ऐतिहासिक राज कैंपस खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बिहार के मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह राज कैंपस राज्य सरकार की अनदेखी के कारण उपेक्षित पड़ा हुआ है। यह कैंपस इंक्रीडेबल इंडिया का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां के महल और मंदिर स्थापत्य कला के अद्भूत मिसाल पेश करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, कलाकारी और कलाकृति देखकर आप दंग रह जाएंगे।

अहिल्या स्थान: जहां प्रभु राम के किया था देवी अहिल्या का उद्धार

मिथिला में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है अहिल्या स्थान। हालांकि सरकारी उदासीनता के कारण यह वर्षों से उपेक्षित रहा है। यहां देवी अहिल्या को समर्पित एक मंदिर है। रामायण में गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या का जिक्र है। देवी अहिल्या गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बन गई थीं। जिनका भगवान राम ने उद्धार किया था। देश में शायद यह एकमात्र मंदिर है जहां महिला पुजारी पूजा-अर्चना कराती हैं।

उत्तर प्रदेश के वे टॉप 10 पर्यटन स्थल, जहां गए बिना आपकी यात्रा नहीं होगी पूरी

उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। उत्तर प्रदेश काफी खूबसूरत राज्य है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। भगवान राम की नगरी अयोध्या, भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन से लेकर भगवान बुद्ध से संबंधित सारनाथ और कुशीनगर जैसे धार्मिक स्थलों पर हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। महादेव की नगरी काशी, कुंभनगरी प्रयागराज से लेकर प्रेम प्रतीक की नगरी आगरा जैसे पर्यटक स्थल घुमक्कड़ों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बने हुए हैं। नजाकत, नफासत और तहजीब के शहर लखनऊ गए बिना तो जैसे आपकी यात्रा पूरी ही नहीं होगी। सभी फोटो- यूपी टूरिज्म नए साल में लोग फिर से घर से बाहर निकला शुरू कर दिए हैं। वे नई-नई जगहों पर जा रहे हैं तो ऐसे में आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के उन टॉप 10 पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आप देश के किसी भी कोने से आसानी से पहुंच सकते हैं। 1. वाराणसी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को बनारस या काशी के नाम से भी जानते हैं। काशी दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी के रूप में विख्यात है। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे का...

ये हैं दिल्ली के टॉप 10 पर्यटक स्थल, नए साल में आप भी घूम आइए

दिल्ली देश की राजधानी है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं। दिल्ली में इंडिया गेट, लाल किला, कुतुब मीनार सहित कई पर्यटक स्थल हैं। यहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। अब जब कोरोना संकट के बाद लोग एक बार फिर से बाहर घूमने-फिरने के लिए निकलने लगे हैं तो दिल्ली में एक बार

Contact Us

Work With Me FAM Trips, Blogger Meets या किसी भी तरह के collaboration के लिए guptahitendra [at] gmail.com पर संपर्क करें। Contact me at:- Email – guptagitendra [@] gmail.com Twitter – @GuptaHitendra Instagram – @GuptaHitendra Facebook Page – Hitendra Gupta

जल मंदिर पावापुरी: भगवान महावीर का निर्वाण स्थल, जहां उन्होंने दिया था पहला और अंतिम उपदेश

जल मंदिर पावापुरी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान महावीर को इसी स्थल पर मोक्ष यानी निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक पवित्र शहर है। बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के पास पावापुरी में यह जल मंदिर है। यह वही जगह है जहां भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला और आखिरी उपदेश दिया था। भगवान महावीर ने इसी जगह से विश्व को अहिंसा के साथ जिओ और जीने दो का संदेश दिया था।

Birla Temple Delhi: बिरला मंदिर, दिल्ली- जहां जाति-धर्म के नाम पर नहीं होता किसी से कोई भेदभाव

दिल वालों की दिल्ली में एक ऐसा मंदिर है जहां जाति-धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से विख्यात इस मंदिर को देश-दुनिया के लोग बिरला मंदिर के नाम से जानते हैं।

संसद भवन- आप भी जा सकते हैं यहां घूमने

देश के लोकतंत्र का मंदिर है देश का संसद भवन। यह दुनियाभर में सबसे आकर्षक संसद भवन है। इस भवन में देश की संसदीय कार्यवाही होती है। देश भर के लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि यहीं पर चर्चा करते हैं और कानून बनाने का काम करते हैं। संसद सत्र के समय लोकसभा और राज्यसभा दोनों सनद के सदस्य कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।

World Peace Pagoda, Vaishali: विश्व को शांति का संदेश देता वैशाली का विश्व शांति स्तूप

वैशाली का विश्व शांति स्तूप आज भी विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। लोकतंत्र की जननी वैशाली ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है। यहां जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर की जन्मस्थली बासोकुंड यानी कुंडलपुर है। अशोक का लाट यानी अशोक स्तंभ, दुनिया का सबसे प्राचीन संसद भवन राजा विशाल का गढ़, बौद्ध स्तूप, अभिषेक पुष्करणी, बावन पोखर और सबसे प्रमुख जापान की ओर बनवाया गया विश्व शांति स्तूप है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: जहां प्रतिदिन शयन करने आते हैं भोलेनाथ महादेव

हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है और ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में चौथा है। मध्यप्रदेश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर- ममलेश्वर महादेव के रूप में। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इंदौर से 77 किलोमीटर पर है। मान्यता है कि सूर्योदय से पहले नर्मदा नदी में स्नान कर ऊं के आकार में बने इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन से सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।