जम्मू-कश्मीर में हिमालय पर्वत के पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो गई है। श्री अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था बालटाल और नुनवान शिविर से बम-बम भोले, हर हर महादेव और जय भोलेनाथ के जय-जयकारों के साथ निकला। इस बार यह यात्रा 52 दिनों की होगी। 29 जून से शुरू होकर बाबा बर्फानी की ये यात्रा रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त तक चलेगी।
इन 52 दिनों के दौरान लाखों हिंदू श्रद्धालु कठिन पहाड़ी रास्तों से गुजकर गुफा मंदिर में प्राकृतिक रूप से बर्फ से बने शिवलिंग का दर्शन करेंगे। अमरनाथ धाम की इस गुफा में भोलेबाबा बर्फ के रूप में प्रकट होते हैं इसलिए उन्हें बाबा बर्फानी भी कहते हैं। बताया जाता है कि गुफा में पानी की बूंदें टपकती रहती है जिससे करीब दस फुट लंबा बर्फ का शिवलिंग बन जाता है। पवित्र गुफा करीब 100 फीट लंबी और 150 फीट ऊंची है।
मान्यता है कि इसी पवित्र गुफा में भगवान भोलेनाथ ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। हिंदू धर्म में कांवड़ यात्रा की तरह अमरनाथ यात्रा का भी विशेष महत्व है। कठिन होने के कारण इस यात्रा को काफी कम लोग कर पाते हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन, पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। बताया जाता है कि यहां बाबा बर्फानी के दर्शन मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
बाबा बर्फानी का अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर में गांदरबल जिले के लिद्दर घाटी में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहलगाम से 46 किलोमीटर और बालटाल से 14 किलोमीटर की दूरी पर है। यात्रा के रास्ते मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य से भरे पड़े हैं। यहां की प्राकृतिक सुदंरता को देखकर ही लोगों के आधे दुख-दर्द खत्म हो जाते हैं।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से व्यापक प्रबंध किए गए हैं। भक्तों के ठहरने और खाने पीने के लिए भी शानदार इंतजाम किए गए हैं। अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्ग पर सवा सौ लंगर लगाए गए हैं। पूरे रास्ते श्रद्धालुओं की सेवा और सहायता के लिए 6 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक अपनी सेवा दे रहे हैं। यात्रा मार्ग पर हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और पूरे रास्ते की निगरानी ड्रोन के जरिए भी की जा रही है।
अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इस वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाकर कराया जा सकता है। यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण भी शुरू है। यात्रा शुरू हो जाने के बाद रजिस्ट्रेशन स्थल पर तीर्थयात्रियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। पिछले साल 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इस बार यह संख्या काफी ज्यादा हो सकती है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार मार्ग में आने वाली कठिनाई और मौसम को देखते हुए 13 साल से कम उम्र के बच्चों और 70 साल से अधिक आयु के लोगों को इस यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं है। इस यात्रा के लिए छह महीने से ज्यादा गर्भवती महिला को भी अनुमति नहीं है। इस यात्रा के बारे में किसी भी तरह की जानकारी आप इस लिंक https:/jksasb.nic.in पर जाकर पा सकते हैं
आप अमरनाथ यात्रा से जुड़ी जानकारी फोन पर भी पा सकते हैं। इसके लिए आप हेल्पलाइन नंबर 14464 पर फोन कर सकते हैं। इसके साथ ही आप जम्मू के टोल फ्री नंबर 18001807198 और श्रीनगर के टोल फ्री नंबर 18001807199 पर भी फोन कर सकते हैं।
ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। -हितेन्द्र गुप्ता
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