पटना में एक बेहद खूबसूरत जगह है- गांधी घाट। इसे आप पटना का रिवरफ्रंट भी कह सकते हैं। गंगा नदी के किनारे पटना में कई घाट है, लेकिन सबसे लोकप्रिय घाट है गांधी घाट। इस घाट का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है। यहां गांधीजी की अस्थियां विसर्जित होने के कारण इसका नाम गांधी घाट रखा गया है। इसलिए इस घाट का एक ऐतिहासिक महत्व भी है।
वैसे तो पटना का रिवरफ्रंट करीब 11 मील तक फैला है, लेकिन फिलहाल यह अहमदाबाद या अन्य शहरों की तरह विकसित नहीं है। इधर बिहार सरकार ने रिवरफ्रंट को विकसित करने के लिए कई काम किए हैं। कुछ घाटों को जीर्णोद्वार किया गया है। यहां से आप गंगा दियारा भी जा सकते हैं।
यहां आने वाले लोगों की सुविधा के लिए कई सुविधाए प्रदान की गई हैं। लोगों को बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं। फूड स्टॉल और रिवरसाइड रेस्टोरेंट भी बनाए गए है। अब यहां आप नौका विहार का आनंद भी ले सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है-एमवी गंगा विहार क्रूज जहाज। इसे बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से चलाया जाता है। इसपर रेस्त्रां की भी सुविधा है। टिकट लेकर आप शाम में गंगा किनारे घूमते हुए परिवार के साथ दिलचस्प नजारे का आनंद ले सकते हैं।
गांधी घाट धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां वीकेंड पर शाम में हजारों लोग गंगा आरती देखने आते हैं। यहां हर शनिवार और रविवार को शाम छह बजे से सात बजे तक गंगा आरती की जाती है। भगवा- केसरिया वस्त्र में सजे काली मंदिर और पटना सिटी के पुजारी गंगा श्रद्धा के साथ आरती करते हैं। इस दौरान कुल 51 दीप जलाए जाते हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने साल 2011 में गंगा आरती की शुरुआत की थी। गंगा आरती का दृश्य बहुत ही अलौकिक होता है। आप एमवी गंगा विहार या किसी नाव पर बैठकर गंगा आरती का आनंद ले सकते हैं। मंत्रों के उच्चारण, दीप-धूप के बीच शंख, घंटी, झाल-मंजीरे की दिव्य ध्वनि से सारा माहौल भक्तिमय हो जाता है। यह आरती वाराणसी और हरिद्वार की तरह ही की जाती है। यहां आरती करने वाले पुजारी काशी और हरिद्वार जाकर आरती का प्रशिक्षण ले चुके हैं।
हर साल छठ के अवसर पर भी यहां की अनुपम छटा देखते ही बनती है। इस समय घाटों को अच्छी तरह से सजाया जाता है। लाखों की संख्या में लोग गंगा किनारे जमा होकर छठ पर्व मनाते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर यहां पतंग उत्सव भी मनाया जाता है।
गांधी घाट पटना एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के पीछे गंगा किनारे हैं। एनआईटी के 60 एकड़ के परिसर के पास यह घाट स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां से गंदी नदी का बेहद खूबसूरत नजारा दिखता है। यह स्थल प्राकृतिक सौंदर्य की एक मनोरम दृश्य पेश करती है। यहां आकर आपकों घंटों यूं ही बैठे रहने का मन करेगा। यहां मन की असीम शांति मिलती है।
गांधी घाट पटना जंक्शन से करीब 8 किलोमीटर और पटना हवाई अड्डा से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। यह पटना के फेमस गांधी मैदान से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप गांधी मैदान से गाय घाय या पटना सिटी के लिए शेयर्ड ऑटो से अशोक राजपथ पर एनआईटी या पटना साइंस कॉलेज के पास उतर कर यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
कैसे पहुंचे-
पटना देश के सभी प्रमुख शहरे से रेल, सड़क और वायुमार्ग से जुड़ा हुआ है। सभी प्रमुख शहरे से यहां हवाई सेवाएं हैं। रेल और सड़क से देश के किसी भी हिस्से से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सभी फोटो बिहार टूरिज्म |
कब जाएं-
पटना में गर्मी में काफी गर्मी और सर्दी में काफी सर्दी पड़ती है। इसलिए यहां सितंबर से नवंबर और फरवरी से मार्च के बीच जाना काफी अच्छा रहता है।
ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।
-हितेन्द्र गुप्ता
Comments
Post a Comment