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Jantar Mantar: ज्ञान-विज्ञान में दिलचस्पी है तो जंतर-मंतर वेधशाला जरूर आएं

जंतर-मंतर का नाम आते ही सबसे पहले जेहन में जो तस्वीर उभर कर सामने आती है, वो धरना-प्रदर्शन की होती है। यहां सालों भर किसी ना किसी चीज को लेकर विरोध प्रदर्शन होते रहता है। यहां एक साथ कई प्रदर्शन होते रहते हैं। जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगते रहते हैं। यहां ज्यादातर जाना भी इसी सिलसिले में होता है। लेकिन यह जंतर-मंतर का धरना-प्रदर्शन स्थल खगोलीय वेधशाला को लेकर प्रसिद्ध है।


दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पास स्थित इस खगोलीय वेधशाला जंतर-मंतर का निर्माण 1724 में जयपुर के महाराजा जयसिंह ने करवाया था। समय, चाल, दूरी की गणना के लिए इसका निर्माण कराया गया था। इस खगोलीय वेधशाला में जाकर आप खुद को एक अलग ही दुनिया में पाएंगे। यहां जैसे-जैसे आप नई-नई जानकारियों से अवगत होंगे। आपके अचरज का ठिकाना नहीं रहेगा। आप इन खगोलीय यंत्रों की खूबियों को जानकार हैरान रह जाएंगे।
जंतर-मंतर में आप सिर्फ सूर्य की रोशनी से दिन के समय-काल की गणना कर सकते हैं। यहां आप ब्रह्मांड के तमाम ग्रहों के साथ सूरज और चांद के गति और समय का अनुमान खुद लगा सकते हैं। यहां से आप खगोलीय पिंडों के बारे में सटीक जानकारी पा सकते हैं। यहां के प्रमुख खगोलीय यंत्रों में मिश्र यंत्र, सम्राट यंत्र, राम यंत्र और जयप्रकाश यंत्र शामिल हैं। जंतर-मंतर के ये खगोलीय यंत्र अपने-आप में बेमिसाल है। तकनीकी रूप से एक चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन आजादी के बाद यहां आस-पास कई बड़े और ऊंचे भवन बन जाने के कारण सूर्य की रोशनी सही से नहीं आने के कारण सटीक माप लेना मुश्किल हो गया है। मगर आप यहां आकर इनकी खूबियों के बारे में जान-समझ तो सकते ही हैं।
जंतर-मंतर जाने का समय
वैसे तो दिल्ली के बीचों-बीच होने के कारण यहां सालों भर जा सकते हैं, लेकिन यहां सर्दी में जाना सही है। अक्तूबर-नंवबर से लेकर फरवरी-मार्च तक यहां आराम से घूम सकते हैं। गर्मी में मौसम में यहां घूप तेज और तापमान ज्यादा होने के कारण आप परेशान हो जाएंगे। जंतर-मंतर सुबह के 10 बजे से शाम के 6 बजे तक खुला रहता है। जंतर-मंतर में भीतर जाने के लिए आपको टिकट लेने पड़ेंगे। भारतीय भारतीय नागरिकों के लिए 15 रुपये, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए यह 200 रुपये है।

कैसे पहुंचे जंतर-मंतर-
जंतर-मंतर दिल्ली के सबसे प्रमुख स्थल कनॉट प्लेस के पास है। यहां दिल्ली के किसी भी कोने से आराम से पहुंच सकते हैं। दिल्ली के बीचों-बीच होने के कारण यहां हर जगह से आने की सुविधा है। रेल से आप नई दिल्ली स्टेशन उतर कर यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। यह जगह राजीव चौक और पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के पास है। आप यहां से उतर पर पैदल आ सकते हैं।

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। 

-हितेन्द्र गुप्ता

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Comments

  1. Really useful info! Ive stayed in Delhi all my life before marriage but been here only once! its time to revisit the place!

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