दिल्ली के पास जयपुर हाइवे पर एक जगह है नीमराना। यह जगह अपने नीमराना फोर्ट के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यह राजस्थान के अलवर जिले में एक पहाड़ी ऐतिहासिक स्थल है। दिल्ली से सिर्फ 122 किलोमीटर पर स्थित नीमराना फोर्ट वीकेंड गुजारने वाले पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है। दिल्ली और जयपुर से लोग यहां पहुंच कर राजसी ठाट का आनंद लेते हैं।
नीमराना फोर्ट को 1464 में बनाया गया था। आजादी से पहले तक चौहान शासकों के अधीन था लेकिन देश के स्वतंत्र होने के बाद देखरेख के अभाव में यह यूं ही पड़ा रहा। फिर इसे 1986 में बेच दिया गया और 1991 में इसे हेरिटेज होटल रिसॉर्ट में बदल दिया गया। अरावली की पहाड़ियों पर बना 550 साल पुराना यह फोर्ट देश का अपनी तरह का एक अनोख हेरिटेज होटल है।पहाड़ी पर स्थित होने के कारण इसके आसपास की प्राकृतिक सुदंरता लोगों के मन मोह लेती है। पहाड़ी को काटकर बनाए गए किले की सुंदरता देखते ही बनती है। पहाड़ी के काटकर बनाए जाने के कारण इस दस मंजिला होटल में एक मंजिल से दूसरे मंजिल पर जाने पर किसी पहाड़ी पर चढ़ने जैसा लगता है।
नीमराना फोर्ट होटल के हर कमरे की बालकनी से पहाड़ी का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। लगता है जैसे प्रकृति को निहारता ही रहूं। पहाड़ी के 14 मंजिले इस फोर्ट पैलेस में 77 कमरे या सुइट्स हैं। इसमें स्पा, सलुन, रेस्त्रां रूफ टॉप गार्डन से लेकर सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। करीब 10 हेक्टेयर में फैले इस विशाल लक्जरी होटल में विदेशी पर्यटक भी भारी संख्या में आते हैं।
नीमराना होटल को नौ विंग में बांटा गया है और हर विंग में एक से बढ़कर एक सुइट्स या कमरे हैं। होटल के सभी कमरों के नाम अलग- अलग हैं। जैसे सूर्य महल, चंद्र महल, गुजरात महल, गगन महल, गुलाब महल, बाग महल और खजाना महल। ये सभी महल आधुनिक सुविधाओं से यु्क्त और आकर्षक हैं। यहां रहकर आप खुद को किसी राजा-महाराजा से कम नहीं समझेंगे।
नीमराना की बावली
नीमराना फोर्ट के अंदर एक प्राचीन बावली या बावड़ी भी है। यहां आने वाले ज्यादातर लोग इसे जरूर देखते हैं। प्राचीन काल में इसे जल संरक्षण के लिए बनाया गया था। इसमें 170 स्टेप हैं। कई लोग तो इसके नीचे जाने और ऊपर आने में ही थक जाते हैं। ज्यादातर लोग ऊपर से ही देखकर और सेल्फी लेकर इस जगह का आनंद लेते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय
दिल्ली के करीब होने के कारण नीमराना का मौसम भी दिल्ली की तरह ही है। इस लिए यहां गर्मी को छोड़कर बाकी दिनों मे आना अच्छा रहता है। सर्दी और वसंत का समय बेस्ट रहता है। फरवरी-मार्च और सितंबर- अक्तूबर में यहां काफी भीड़ रहती है। भीड़भाड़ के समय पहले से बुकिंग करा लेना सही रहता है।
कैसे पहुंचे-
यहां दिल्ली से बस या टैक्सी से पहुंच सकते हैं। दिल्ली जयपुर हाइवे पर होने के कारण सड़क मार्ग से पहुंचना सही रहता है।
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-हितेन्द्र गुप्ता
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ReplyDeleteहौसला अफजाई के लिए शुक्रिया
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