Skip to main content

Imphal Tour : प्राकृतिक अजूबों से भरा शहर इंफाल, जहां आपको एक बार तो जरूर जाना चाहिए

मणिपुर की राजधानी इंफाल सच में भारत का एक मणि है। यह शहर प्राकृतिक अजूबों से भरा पड़ा है। प्रकृति की खूबसूरत छटा यहां हर जगह बिखरी हुई है। इंफाल एक ऐसा शहर है जहां जीवन में कम से कम एक बार सभी को जरूर आना चाहिए। पहाड़ों के बीच बसा यह शहर अपने प्राकृतिक गुफाओं, झीलों, चाय के बगानों, वन्यजीवों और पहाड़ी हरियाली के लिए मशहूर है।

महानगरों की भागदौड़ से दूर इंफाल काफी शांत और सुंदर है। यहां की हरी-भरी घाटियों में आकर आप एक अलग ही सुकून का अनुभव करेंगे। जितना सुंदर यहां के प्राकृतिक नजारे हैं, उतने ही सुंदर यहां के लोग हैं। यहां के लोगों के मिलनसार स्वभाव आपको इंफाल में दो-चार दिन ज्यादा रुकने के लिए मजबूर कर देंगे। अब तो दुनिया भर से लोग शांति-सुकून और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में यहां आने लगे हैं। आप भी यूरोपियन कंट्री जाने की जगह अगर कभी आप पू्र्वोत्तर भारत घूमने जाएंगे, तो आपको यहां जाने का अफसोस नहीं, बल्कि लगेगा कि यहां पहले जाना चाहिए था।
मणिपुर में सांस्कृतिक और व्यवसायिक गतिविधियों के एक प्रमुख केंद्र इंफाल में देखने, सुनने और घूमने के लिए काफी कुछ है-

लोकटक झील, इंफाल
लोकटक झील पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा ताजे पानी का झील है। यह तैरते वनस्पति और बीच-बीच में मिट्टी से बने द्वीपों के लिए काफी मशहूर है। इंफाल आने वाले लोग यहां जरूर आते हैं। सुबह-सुबह यहां नौका विहार करने का अनुभव आपको जीवन भर याद रहेगा।

कंगला किला, इंफाल
यह किला करीब दो हजार साल पुराना है। काफी पुराना होने के कारण इसका अधिकांश हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। इस किले के अंदर कई मंदिर भी हैं। इंफाल आने वाले लोग यहां  जरूर आते हैं। यहां एक म्यूजियम भी है।
शहीद मीनार, इंफाल
इंफाल शहर में बीर टिकेंद्रजीत पार्क में यह मीनार है। इसे ब्रिटिश सेना के खिलाफ साल 1891 में हुए विद्रोह में शहीद हुए मणिपुर के जवानों की याद में बनाया गया है। शहीद मीनार आने वाले पर्यटक यहां सेल्फी जरूर लेते हैं।


इमा कैथल या इमा मार्केट, इंफाल

बताया जाता है कि यह महिलाओं द्वारा लगाए जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। इस इमा कैथल में स्थानीय महिलाएं फल-सब्जी, मसालों से लेकर हस्तशिल्प के बने उत्पादों और कपड़ों का कारोबार करती हैं। यहां रोजमर्रे की जरूरत की तमाम चीजें मिल जाती हैं। इसलिए यहां काफी लोग शॉपिंग करने आते हैं। आप भी स्थानीय सामान खरीदने के लिए यहां आ सकते हैं।

इसके अलावा आप यहां श्री गोविंददेव जी मंदिर, कैना मंदिर, सिरोई राष्ट्रीय उद्यान, चिड़ियाघर, भी जा सकते हैं।

इंफाल जाने का समय-
इंफाल घूमने के लिए नवंबर से अप्रैल तक का समय अच्छा रहता है। इस समय मौसम के साथ यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का पूरा आनंद ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे इंफाल-
आप यहां वायु और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। इंफाल का एयरपोर्ट देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। यह सड़क मार्ग से भी पूर्वोत्तर के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है लेकिन रेल मार्ग से जाने पर पहले आपको दीमापुर जाना होगा। इंफाल से 215 किलोमीटर दूर है। यहां से आप सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं।

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।

Why is Imphal famous for, Imphal, Imphal tour, Imphal tourism, What is Imphal known as, इंफाल, इंफाल पर्यटन, इंफाल टूर, इंफाल टूर पैकेज, इंफाल कैसे जाएं, इंफाल कहां है, मणिपुर, मणिपुर टूरिज्म

Comments

  1. Beautiful. North east is full of natural beauty and surprises. Thanks for the virtual tour, It is on my wishlist.

    even I am participating in A2Z, do pay a visit. :)

    Ujjwal Mishra https://mywordsmywisdom.com

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

अहिल्या स्थान: जहां प्रभु राम के किया था देवी अहिल्या का उद्धार

मिथिला में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है अहिल्या स्थान। हालांकि सरकारी उदासीनता के कारण यह वर्षों से उपेक्षित रहा है। यहां देवी अहिल्या को समर्पित एक मंदिर है। रामायण में गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या का जिक्र है। देवी अहिल्या गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बन गई थीं। जिनका भगवान राम ने उद्धार किया था। देश में शायद यह एकमात्र मंदिर है जहां महिला पुजारी पूजा-अर्चना कराती हैं।

Rajnagar, Madhubani: खंडहर में तब्दील होता राजनगर का राज कैंपस

राजनगर का ऐतिहासिक राज कैंपस खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बिहार के मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह राज कैंपस राज्य सरकार की अनदेखी के कारण उपेक्षित पड़ा हुआ है। यह कैंपस इंक्रीडेबल इंडिया का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां के महल और मंदिर स्थापत्य कला के अद्भूत मिसाल पेश करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, कलाकारी और कलाकृति देखकर आप दंग रह जाएंगे।

Contact Us

Work With Me FAM Trips, Blogger Meets या किसी भी तरह के collaboration के लिए guptahitendra [at] gmail.com पर संपर्क करें। Contact me at:- Email – guptagitendra [@] gmail.com Twitter – @GuptaHitendra Instagram – @GuptaHitendra Facebook Page – Hitendra Gupta

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली: जहां जाने पर आपको मिलेगा स्वर्गिक आनंद

दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित स्वामीनारायण मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए दुनियाभर में मशहूर है। करीब 100 एकड़ में फैला यह अक्षरधाम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिर परिसर के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से बनाया गया है। इसे आम भक्तों- श्रद्धालुओं के लिए 6 नवंबर, 2005 को खोला गया था।

World Peace Pagoda, Vaishali: विश्व को शांति का संदेश देता वैशाली का विश्व शांति स्तूप

वैशाली का विश्व शांति स्तूप आज भी विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। लोकतंत्र की जननी वैशाली ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है। यहां जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर की जन्मस्थली बासोकुंड यानी कुंडलपुर है। अशोक का लाट यानी अशोक स्तंभ, दुनिया का सबसे प्राचीन संसद भवन राजा विशाल का गढ़, बौद्ध स्तूप, अभिषेक पुष्करणी, बावन पोखर और सबसे प्रमुख जापान की ओर बनवाया गया विश्व शांति स्तूप है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: जहां प्रतिदिन शयन करने आते हैं भोलेनाथ महादेव

हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है और ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में चौथा है। मध्यप्रदेश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर- ममलेश्वर महादेव के रूप में। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इंदौर से 77 किलोमीटर पर है। मान्यता है कि सूर्योदय से पहले नर्मदा नदी में स्नान कर ऊं के आकार में बने इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन से सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

उज्जैन- पृथ्वी का नाभि स्थल है महाकाल की यह नगरी

उज्जैन यानी उज्जयिनी यानी आदि काल से देश की सांस्कृतिक राजधानी। महाकाल की यह नगरी भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली रही है। मध्य प्रदेश के बीचोंबीच स्थित धार्मिक और पौराणिक रूप से दुनिया भर में प्रसिद्ध उज्जैन को मंदिरों का शहर भी कहते हैं।

जल मंदिर पावापुरी: भगवान महावीर का निर्वाण स्थल, जहां उन्होंने दिया था पहला और अंतिम उपदेश

जल मंदिर पावापुरी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान महावीर को इसी स्थल पर मोक्ष यानी निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक पवित्र शहर है। बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के पास पावापुरी में यह जल मंदिर है। यह वही जगह है जहां भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला और आखिरी उपदेश दिया था। भगवान महावीर ने इसी जगह से विश्व को अहिंसा के साथ जिओ और जीने दो का संदेश दिया था।

About Us

Hitendra Gupta घुमक्कड़, ट्रेवल ब्लॉगर, मीडिया प्रोफेशनल और प्रकृति प्रेमी शाकाहारी मैथिल

हिंद-इस्लामी वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण शेरशाह सूरी का मकबरा

शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार रोहतास जिले के सासाराम में है। शेरशाह का यह मकबरा एक विशाल सरोवर के बीचोंबीच लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। शेरशाह ने अपने जीवनकाल में ही इस मकबरे का निर्माण शुरू कर दिया था, लेकिन पूरा उसके मृत्यु के तीन महीने बाद ही हो पाया। शेरशाह की मौत 13 मई, 1545 को कालिंजर किले में हो गई थी और मकबरे का निर्माण 16 अगस्त, 1545 को पूरा हुआ। शेरशाह के शव को कालिंजर से लाकर यहीं दफनाया गया था। इस मकबरे में 24 कब्रें हैं और शेरशाह सूरी की कब्र ठीक बीच में है।