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यूपी-बिहार से हनीमून पर नहीं जा सकते दूर? तो पास में ही हैं बजट के अंदर के ये रोमांटिक जगहें

आमतौर पर रोमांटिक और हनीमून डेस्टिनेशन को लेकर लोगों के जेहन में हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और केरल के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन कोरोना के कारण या फिर बजट को लेकर हम कई बार इन जगहों पर नहीं जा पाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमारे घर के आसपास यूपी-बिहार में ऐसा कुछ नहीं है जहां हनीमून मनाने या रोमांटिक डेट पर जा सके?


असल में यूपी-बिहार को लोगों ने इतना बदनाम कर दिया है कि हम इस बारे में सोचते ही नहीं है, जबकि यहां एक से बढ़कर एक रोमांटिक, दर्शनीय और पर्यटक स्थल है। बिहार की बात करें तो यह बौद्ध धर्म, सिख धर्म और जैन धर्म के उद्गम का स्थल रहा है। बिहार ने दुनिया को सबसे पहले लोकतंत्र दिया, सबसे पहले संसद भवन दिया और गणना के लिए जीरो भी दिया। दुनिया भर में शिक्षा का अलख जगाने में भी बिहार के नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय का काफी योगदान रहा है। न्याय और दर्शन शास्त्र का उद्गम स्थल रहा है बिहार का मिथिला क्षेत्र।

जिस बिहार ने देश-दुनिया को इतना कुछ दिया हो, वहां रोमांटिक पर्यटक स्थल ना हो ये हो नहीं सकता क्योंकि भगवान राम को भी सबसे पहले रोमांस मिथिला के ही मधुबनी जिला के फूलहर में हुआ था। जनकपुर जाते समय इसी जगह बाग में सबसे पहले भगवान राम की मुलाकात माता सीता से हुई थी। फूलों के बाग से भरा यह इलाका इतना खूबसूरत है कि यहां आते ही उनके मन में प्रकृति ने प्यार भर दिया और माता सीता को देखते ही रह गए।

बिहार के कण-कण में पग-पग में प्रकृति ने अपनी खूबसूरती जमकर बिखेरी है। चारों ओर फैली हरियाली के बीच सैकड़ों छोटी-बड़ी नदियां और सुंदर बाग-बगीचे आपका मन मोह लेंगे। लेकिन जब यहां बात हनीमून पर जाने की हो रही है तो उसके लिए भी आपके घर के पास ही हरियाली के साथ अनोखे खूबसूरत पहाड़, झरने, लेक और वाटरफॉल हैं जहां जाने के बाद आप देश के दूसरे पर्यटक स्थलों को भूल जाएंगे।

तो आइए आज हम आपको ले चलते हैं यूपी के पास बिहार के तीन रोमांटिक हनीमून डेस्टिनेशन की सैर पर जो सिर्फ ना आपके बजट में होगा बल्कि आपके रोम-रोम में रोमांस और रोमांच को भर देगा-

1. राजगीर
सात पहाड़ियों छठगिरि, रत्नागिरी, शैलगिरि, सोनगिरि, उदयगिरि, वैभरगिरि और विपुलगिरि से घिरा राजगीर बिहार का एक काफी खूबसूरत पर्यटक स्थल है। यहां पहाड़ों की हरियाली के बीच अनोखे दिलकश झीलों को देखकर आपको लगेगा अब तक मैं यहां क्यों नहीं आ पाया। राजगीर में अजातशत्रु किला, वेणुवन, पांडू पोखर, राजगीर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, गर्म कुण्ड, मृग विहार, सोन भंडार गुफा, महाभारत कालीन जरासंध का अखाड़ा, जय प्रकाश उद्यान, बिम्बिसार का कारागार, रोप-वे, गृद्धकूट पर्वत, सप्तपर्णी गुफा, श्री दिगम्बर जैन मंदिर, वर्मीज मंदिर, जापानी मंदिर, श्री जैन श्वेताम्बार नौलखा मंदिर, जरादेवी मंदिर, मनियार मठ एक से बढ़कर एक दर्शनीय स्थल हैं। यहां विश्वशांति स्तूप हो या जरासंध का अखाड़ा या फिर घोड़ाकटोरा में झील के बीच में सुंदर गौतम बुद्ध की मूर्ति। यहां आपके मन को असीम शांति मिलेगी और प्यार के लिए क्या चाहिए। शांति के कुछ पल अपने साथी के साथ बिताइए।




'सोन भंडार' के बारे में कहा जाता है कि यहां मगध सम्राट बिम्बिसार ने अपना सोने का खजाना छुपा रखा है। लेकिन उस खजाने को खोलने में आजतक कोई सफल नहीं हो पाया है। यहां ब्रह्म कुंड और मखदूम कुंड दो ऐसे जलकुण्ड हैं जिसका पानी गर्म होता है। बताया जाता है कि इसमें स्नान करने के कई रोग दूर हो जाते हैं। विश्व शांति स्तूप जाते वक्त रोप पे से पहाड़ों की सुंदरता निहार सकते हैं। पास ही में घने जंगलों, पहाड़ियों के बीच डैम से लगा है घोड़ाकटोरा। यहां के साफ पानी में आप साथी के साथ बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।






कैसे पहुंचें राजगीर

राजगीर आप रेल, सड़क और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। आप यहां गया और पटना रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे से बस या टैक्सी लेकर भी पहुंच सकते हैं।

2 रोहतास
बिहार में एक और बेहद खूबसूरत जगह है रोहतास। बताया जाता है कि इसे राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने बसाया था। रोहतास जिले में एक से बढ़कर एक दर्शनीय स्थल हैं। यहां आपको दूर-दूर तक फैले पहाड़ों के बीच हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी। कैमूर की पहाड़ी, यहां के किले और खूबसूरत झरने आपके मन मोह लेंगे। रोहतास में कैमूर की पहाड़ियों पर जाते वक्त आपको जंगलों, नदियों और पहाड़ के बीच से गुजरना होगा जो इन प्राकृतिक छटाओं के बीच ट्रेकिंग का आनंद देगा। पहाड़ियों के ऊपर शेरगढ़ किले में बड़े-बड़े कमरे, तहखाने और सुरंगें है। यहां की अद्भुत कारीगरी को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। किले के एक तरफ नदी और पहाड़ तो दूसरी तरह हरे-भरे जंगल को देखकर लगेगा कि ये कहां आ गए हम। मन करेगा कि घंटों इस खूबसूरती को देखते ही रहें। कैमूर घाटी की जैव विविधता, तरह तरह के पंछी, जंगली जानवर, आयुर्वेदिक औषधियां, रहस्य्मय मंदिर, दुर्गम किले, प्राकृतिक जलप्रपात पर्यटकों के मन में अनूठा रोमांच पैदा कर देते हैं।







रोहतासगढ़ का किला रोहतास की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। ये किला जितना देखने में खूबसूरत है उतनी ही खूबसूरती इसके आसपास दिखाई देती है। रोहतास जिले के ही सासाराम में है शेरशाह सूरी का मकबरा। बताया जाता है कि ये भारत की दूसरी सबसे ऊंची मजार है। यहां से उगते और डूबते सूरज को देखना एक स्वर्गिक आनंद देता है। रोहतास में कई झरने और फॉल्स हैं। तुतला भवानी झरना, टोन्स वाटरफॉल, माझर कुंड या धुआं कुंड वाटरफॉल भी है। हनीमून मनाने जाने वाले लोगों के लिए सबसे बेस्ट जगह है कैमूर हिल्स। यह बेहद खूबसूरत जगह है। इस पहाड़ी पर कई झरने हैं,  रोहतासगढ़ और शेरगढ़ किला भी है।





यहां पास के दर्शनीय स्थलों में शेरशाह सूरी का मकबरा, मां तारा चंडी का मंदिर, रोहतास गढ़ का किला, इन्द्रपुरी डैम, पायलट बाबा का मंदिर, चौरासन मंदिर, गुप्ता धाम, कैमूर हिल्स, मानझार कुंड, धुआ कुंड और तेल्हर कुंड वाटरफॉल शामिल हैं।

कैसे पहुँचे?
रोहतास का जिला मुख्यालय सासाराम है। यहां आप ट्रेन, बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। नजदीकी हवाई अड्डा पटना करीब 115 किलोमीटर दूर है।

3. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार का अकेला टाइगर रिजर्व है। पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर में स्थित यह टाइगर रिजर्व प्राकृतिक विविधता से भरा पड़ा है। करीब 800 वर्ग किलोमीटर में फैले इस वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आकर आप प्रकृति की सुंदरता के बीच खोकर रह जाएंगे। मीलों तक फैले यहां की हरियाली को निहारते-निहारते आप थक जाएंगे लेकिन मन नहीं भरेगा। यहां सात प्रकार की वनस्पतियां, पेड़ों की 84 प्रजातियां, 32 प्रकार की झाड़ियां और जड़ी-बूटी और घासों की 81 प्रजातियां हैं। यहां आप बाघ, भालू, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, बाइसन, हिरण और मृग की कई प्रजातियों को देख सकते हैं। यहां उड़ने वाली लोमड़ियों को भी देखा जा सकता है। यहां पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां हैं। बाघों की संख्या के मामले में यह चौथे स्थान पर है।





यहां की खूबसूरती देखकर आपको लगेगा कि आप हमेशा जिम कार्बेट, राजाजी पार्क और रणथंभौर के बारे में सोचते थे, लेकिन घर के पास स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व भी किसी से कम नहीं है। शहर के भीड़भाड़ और शोरगुल से दूर यहां आप बजट के भीतर कुछ दिन शांति से गुजार सकते हैं। सर्दी के मौसम में यह किसी हिल स्टेशन से ज्यादा आनंददायक स्थल है। जंगल के बीच से गुजरती गंडक नदी काफी आकर्षक दिखती है। यहां आप जंगल सफारी के साथ नौका विहार का भी मजा ले सकते हैं। यहां ठहरने की भी व्यवस्था है। आप यहां 700 रुपये से लेकर 1800 रुपये तक में कमरा बुक करा सकते हैं। यहां ट्री हट, इको हट, बंबू हट और फोरेस्ट रेस्ट हाउस हैं। जंगल में घूमने के लिए यहां जिप्सी की भी व्यवस्था है।









कैसे पहुंचे-
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पश्चिमी चंपारण के जिला मुख्यालय बेतिया से करीब 70 किलोमीटर दूर है। यहां आप रेल और बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। रेल मार्ग पर यह गोरखपुर-नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेल मार्ग पर है। बगहा और नरकटियागंज पहुंच कर आप यहां आ सकते हैं। हवाई जहाज के आने के लिए आपको पहले पटना या गोरखपुर आना होगा फिर वहां से रेल या बस से यहां पहुंचना होगा।




कब पहुंचे-

यहां बरसात के समय को छोड़कर साल में कभी भी आ सकते हैं। बारिश के समय यहां बाढ़ का पानी भर जाता है।

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। 

-हितेन्द्र गुप्ता

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Hitendra Gupta घुमक्कड़, ट्रेवल ब्लॉगर, मीडिया प्रोफेशनल और प्रकृति प्रेमी शाकाहारी मैथिल

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