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गुजरात के लोथल में बनेगा देश का पहला राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर

गुजरात के लोथल में देश का पहला 'राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) बनेगा। संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय समुद्री धरोहर की विरासत, लोथल को राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, हैरिटेज थीम पार्क, समुद्री अनुसंधान संस्थान और मनोरंजन स्थल सहित विभिन्न प्रकार की पर्यटक संबंधी सुविधाएं होंगी।


इस संबंध में 16 जून, 2021 को केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के बीच राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि एनएमएचसी को भारत में अपनी तरह की पहली संस्था के रूप में विकसित किया जाएगा जो पूरी तरह से भारत की समृद्ध और विविध समुद्री महिमा को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित होगी। उन्होंने कहा कि देश के मजबूत समुद्री इतिहास और जीवंत तटीय परंपरा दोनों को एक ही स्थान पर प्रदर्शित करने में सुविधा होगी और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की समुद्री विरासत की छवि का उत्थान होगा।


इस अवसर पर सांस्कृतिक विरासत के विशाल खजाने के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि हमें इस खजाने को एक जगह एक साथ रखने की जरूरत है। हम संग्रहालयों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक विरासत की महानता को दुनिया के सामने लाने और उससे अवगत कराने में सक्षम हैं। परियोजना को विकसित करने के लिए, भूमि हस्तांतरण की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और पर्यावरण मंजूरी सहित सभी भूमि संबंधी मंजूरी हो चुकी है।

गुजरात में अहमदाबाद से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित लोथल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्थल के आसपास के क्षेत्र में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर विकसित किया जाना है जो एक विश्व स्तरीय सुविधा संपन्न परिसर होगा। एनएमएचसी को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां प्राचीन से आधुनिक समय तक भारत की समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा और भारत की समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए एक शिक्षा दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।


एनएमएचसी को लगभग 400 एकड़ के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, लाइट हाउस संग्रहालय, विरासत थीम पार्क, संग्रहालय थीम वाले होटल, समुद्री थीम वाले इको-रिसॉर्ट्स और समुद्री संस्थान जैसी विभिन्न अनूठी संरचनाएं होंगी जिन्हें चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।

एनएमएचसी की अनूठी विशेषता प्राचीन लोथल शहर को यहां दिखाना भी है जो 2400 ईसा पूर्व की प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक है। इसके अलावा, विभिन्न युगों के दौरान भारत की समुद्री विरासत के विकास को अनेक गैलरी के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। एनएमएचसी के पास प्रत्येक तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उनकी कलाकृतियों/समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए पवेलियन होगा।

सभी फोटो- गुजरात टूरिज्म

लोथल हड़प्पा संस्कृति से संबंधित खुदाई की गई जगहों में से एक है। यह सिंधु घाटी सभ्यता की संरचना और आवासीय विकास को दिखाता है। लोथल का शाब्दिक अर्थ ‘मृतकों का घाव’ होता है। यह अपने जमाने में कुम्हारों का लोकप्रिय गांव हुआ करता था। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले ये लोग साबरमती नदी के किनारे पर रहा करते थे। लगभग 2450 ईसा पूर्व समुद्र के रास्ते आये व्यापारियों ने बस्ती बसाई थी। यहां बाद में राजमिस्त्री, लोहार और कुम्हार आकर रहने लगे थे। बहुत जल्दी लोथल एक प्रसिद्ध औद्योगिक केंद्र के साथ प्रमुख बंदरगाह बन गया, लेकिन 2350 ईसा पूर्व आई बाढ़ में सब कुछ क्षतिग्रस्त हो गया। वैसे बाद में इसे दोबारा बनाया और बसाया गया। 16वीं सदी तक यहां पर सभ्यता खूब फली-फूली, लेकिन बाद में धीरे-धीरे यह शहर वीरान हो गया।

यहां आकर आप एक संग्रहालय में खुदाई से निकली वस्तुओं को देख सकते हैं। लेकिन यह हर शुक्रवार को बंद रहता है।

कैसे पहुंचे लोथल-
लोथल गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर है। आप यहां अहमदाबाद से बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। आप ट्रेन से भी यहां पहुंच सकते हैं। हवाई जहाज से आने पर पहले अहमदाबाद आना होगा फिर वहां से बस या ट्रेन से लोथल पहुंच सकते हैं।

कब पहुंचे-
यहां का मौसम आम तौर पर गर्म रहता है। इसलिए यहां अक्तूबर से मार्च के बीच जाना सही रहेगा।

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-हितेन्द्र गुप्ता

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