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सोमेश्वर महादेव मंदिर: पुणे का 700 साल पुराना स्वयंभू मंदिर

सोमेश्वर महादेव मंदिर पुणे के पाषण इलाके में एक प्राचीन मंदिर है। बताया जाता है कि यह करीब 700 साल पुराना मंदिर है। लोगों का कहना है कि यह स्वयंभू महादेव मंदिर है। यानी यहां शिवलिंग को स्थापित नहीं किया गया था बल्कि यहां भोलेनाथ खुद प्रकट हुए थे। यहां सोमेश्वर महादेव का शिवलिंग खुद प्रकट हुआ था। इस कारण लोगों के बीच इस मंदिर की काफी मान्यता है।


लोगों का कहना है कि इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ के दर्शन मात्र से सारे पाप मिट जाते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इस प्राचीन सोमेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार छत्रपति शिवाजी का मां जीजाबाई भोसले ने करवाया था। यह भी कहा जाता है कि शिवाजी महाराज लाल महल में रहने के दौरान अपनी माता जी के साथ यहां अक्सर आते रहते थे।


करीब साढ़े तीन एकड़ में फैले इस मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही गणेश जी, भैरों बाबा और हनुमान जी के मंदिर दिख जाते हैं। यहां पर करीब 40 फीट ऊंचा एक विशाल दीपमाला भी बनाया गया है। सोमेश्वर महादेव गर्भगृह के सामने नंदी की एक विशाल प्रतिमा भी है। यहां एक विशाल हवन कुंड भी है, जहां आप भी हवन करा सकते हैं। यहां आप असीम शांति महसूस करेंगे। आपके अंदर एक पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होने लगेगा।


मंदिर परिसर में एक तरफ बारह ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति भी बनाई गई है। इन ज्योतिर्लिंगों को देखकर आपको लगेगा जैसे बारहों ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हो गए। बहुत ही दिव्य स्थल है। ज्योतिर्लिंग के बीच महादेव जी की एक विशाल प्रतिमा भी बनाई गई है और इसके सामने एक नंदी भी है। सोमेश्वर महादेव मंदिर के मेन गेट के बाहर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा बनाई गई है।




मंदिर खुलने का समय

मंदिर सभी दिन सुबह 8 बजे से शाम के सात बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहता है। बस यह जरूर ध्यान रखिएगा कि सावन, शिवरात्रि और सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। इसलिए इस समय कुछ समय लेकर चलिएगा।


कैसे पहुंचे-

पुणे देश के सभी बड़े शहरों से रेल, सड़क और वायु मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। और पुणे शहर के ठीक बीच में होने के कारण यहां पहुंचना काफी आसान है। यहां आप बस, ऑटो या अपनी गाड़ी से आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप पुणे में हैं तो इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आपको जरूर आना चाहिए।


कब पहुंचे-

पुणे में गर्मी में दिन के समय तापमान कुछ ज्यादा रहता है। इसलिए यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी के बीच का रहता है। वैसे तो आप मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी दिन पहुंच सकते हैं लेकिन मंदिर जाने के लिए सुबह और शाम का समय सबसे अच्छा रहता है। इसलिए किसी भी मौसम में आप मंदिर में दर्शन के लिए यहां आराम से जा सकते हैं। भोलेबाबा सोमेश्वर महादेव आपकी हर मनोकामनाएं पूरी करें। हर हर महादेव।

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-हितेन्द्र गुप्ता

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