मानसून शुरू होने के साथ ही देश भर में बारिश होने लगी है। अगर आप उन लोगों में हैं जिन्हें बारिश की टिप-टिप बहुत अच्छी लगती है और हरियाली, बादलों, झरनों के बीच मौसम का मजा लेना पसंद है, तो ये ब्लॉग खास आपके लिए है! आइए जानते हैं बारिश में घूमने के लिए देश की 10 सबसे शानदार जगहो के बारे में...
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फोटो कर्नाटक टूरिज्म |
1. कूर्ग, कर्नाटक – भारत का स्कॉटलैंड
बारिश की फुहारों में, कूर्ग का नजारा वाकई जन्नत लगता है। चारों ओर कॉफी के बागान, पहाड़, झरने और अपनी अलग ही खुशबू वाला जंगल। यहां के अब्बी फॉल्स और इरुप्पु फॉल्स तो मॉनसून में आपका दिल जीत लेते हैं।
कैसे जाएं: बेंगलुरु या मैसूर एयरपोर्ट से टैक्सी, बस या मैसूर रेलवे स्टेशन से कैब ले सकते हैं।
कब जाएं: जून से सितंबर का मौसम सबसे ताजगी वाला रहता है।
कहां ठहरें: कूर्ग में कई होमस्टे हैं। पर्यटकों के लिए आसपास सभी रेंज के होटल यहां हैं।
ध्यान रखें: बारिश के कारण सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं। अपने साथ छाता, रेनकोट, ट्रेकिंग शू जरूर रखें।
2. महाबलेश्वर, महाराष्ट्र – घाटियों का जादू
यहां की पहाड़ियां, स्ट्रॉबेरी फार्म्स, और वेन्ना लेक बारिश में घूमने वालों को ऑल–टाइम फेवरिट हैं। ठंडी ठंडी हवा, बारिश और घाटियों में घूमना, वो भी गरमा-गरम मकई और भुट्टे के साथ, मजा ही आ जाता है!
कैसे जाएं: पुणे-मुंबई से कार या कैब से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। पुणे से महाबलेश्वर की दूरी करीब 120 किमी है।
कब जाएं: जुलाई–अगस्त में वादियों का असली मजा ले सकते हैं।
कहां ठहरें: यहां आपको कई होटल और रिजॉर्ट मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: होटल पहले बुक करें, स्ट्रॉबेरी खरीदना न भूलें, रोड पर भुट्टा-चाय का जरूर मजा लें।
3. मेघालय – बादलों का घर
यह स्टेट अपने नाम की तरह ही है, बारिश में बादलों से घिरा। चेरापूंजी और मौसिनराम यहां की सबसे फेमस जगहें हैं – दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश यहीं होती है। नोहकालिकाई फॉल्स, झीलें, और जीवित रूट ब्रिज तो मानसून में लाइफटाइम एक्सपीरियंस हैं!
कैसे जाएं: फ्लाइट-ट्रेन से गुवाहाटी पहुंचकर वहां से टैक्सी या लोकल कैब लेकर पहुंत सकते हैं।
कब जाएं: यहां जाने के लिए जुलाई-अगस्त सबसे अच्छा समय है।
कहां ठहरें: राज्य में ठहरने के लिए कई अच्छे होटल आपको मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: भारी बारिश में सड़कें स्लिप हो सकती हैं; वाटरप्रूफ बैग, स्नीकर्स और पावर बैंक जरूर रखें।
4. लोनावला, महाराष्ट्र – मुंबई-पुणे वालों की फर्स्ट चॉइस
बारिश में सपनों की तरह दिखती है लोनावला की हरियाली। बुशी डैम का पानी और घने बादल, कार्ला गुफाएं, टाइगर पॉइंट – ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और घूमने वाले सब खुश हो जाते हैं।
कैसे जाएं: मुंबई-पुणे से ट्रेन, बस या टैक्सी लेकर यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
कब जाएं: जून के अंत से सितंबर तक; खासकर वीकेंड्स पर यहां का माहौल अलग ही अनुभव देता है।
कहां ठहरें: लोनावाला में रहने की काफी सुधिवा है। यहां आपको सभी तरह के होटल, रिजॉर्ट और होमस्टे मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: लोकल चिक्की जरूर ट्राय करें; भारी भीड़ से बचने के लिए वीकडे चुनें।
5. मुन्नार, केरल – चाय की वादियों में
यहां की पहाड़ियां और चाय के बागान, बारिश में कुछ ज्यादा ही सुंदर दिखते हैं। सुबह-सुबह धुंध और ठंडी-ठंडी हवा, और एराविकुलम नेशनल पार्क मानो जादू-सा लगता है।
कैसे जाएं: कोच्चि एयरपोर्ट से मुन्नार करीब 110 किमी दूर है। वहां से टैक्सी या बस से हरियाली का आनंद लेते हुए पहुंच सकते हैं।
कब जाएं: जून–सितंबर के बीच मानसून की हरियाली की असली खूबसूरती देखने को मिल सकती है।
कहां ठहरें: यहां आपको रहने के लिए काफी ऑप्शन मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: चाय बागानों में फोटो लेना न भूलें; बारिश में घूमने के लिए अच्छे शूज और जैकेट जरूर अपने साथ जरूर रखें।
6. शिलॉन्ग, मेघालय – स्कॉटलैंड ऑफ द ईस्ट
यहां के वॉटरफॉल्स, हरे भरे जंगल, उमियम झील, और पूरे शहर में लोकल कल्चर – बारिश के साथ और भी दिलकश नजर आते हैं।
कैसे जाएं: गुवाहाटी रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट से टैक्सी-बस से यहां पहुंच सकते हैं।
कब जाएं: जून–अगस्त तक का मौसम शानदार रहता है।
कहां ठहरें: यहां आपको रहने की काफी सुविधा है।
ध्यान रखें: लोकल शॉल-स्मृति चिन्ह खरीदें; क्षेत्रीय मेघालयी फूड जरूर ट्राय करें।
7. चेरापूंजी, मेघालय – बारिश के दीवानों के लिए
बारिश का असली मजा लेना है तो चेरापूंजी का ट्रिप बनाओ। ऊंचे बड़े झरने, डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज और धुंध से ढकी घाटियां इंस्पायरिंग लगती हैं।
कैसे जाएं: शिलॉन्ग से टैक्सी या लोकल कैब से पहुंचना आसान है।
कब जाएं: जुलाई–सितंबर का समय सही रहता है।
कहां ठहरें: यहां आपको कई होमस्टे या होटल मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: ट्रैकिंग गाइड के बिना जोखिम न लें; रेनकोट पैक करें।
8. उदयपुर, राजस्थान – झीलों का शहर
मानसून के टाइम, उदयपुर की झीलें और महल एकदम जादुई लगते हैं। पिचोला झील में नाव की सवारी, महलों के बीच बारिश, और कड़कती चाय - क्या कहने!
कैसे जाएं: यहां आप प्लेन, ट्रेन, बस या टैक्सी से जा सकते हैं।
कब जाएं: जुलाई–सितंबर में झीलें भरी जाती हैं, मौसम काफी खुशनुमा रहता है।
कहां ठहरें: यहां आपको ठहरने के काफी सारे ऑप्शन मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: लोकल फूड/कला अपने साथ ले जाएं; मानसून में फिसलन वाले इलाके से संभलकर।
9. जिरो, अरुणाचल प्रदेश – पूर्वोत्तर का हिडन जेम
अगर आपको पहाड़, शांत वादियां और अनछुए नजारों का शौक है तो जिरो ट्राय करो। बारिश के समय जिरो घाटी हरियाली में ढकी रहती है, फोटोग्राफी और नेचर वॉक के शौकीनों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है ।
कैसे जाएं: गुवाहाटी से ट्रेन या फ्लाइट से उतरकर टैक्सी लेकर यहां पहुंच सकते हैं।
कब जाएं: जुलाई–सितंबर का मौसम यहां जाने के लिए खास है।
कहाँ ठहरें: यहां आपको कई होमस्टे या रिजॉर्ट मिल जाएंगे।
ध्यान रखें: यहां जाने के लिए परमिट (Protected Area Permit) जरूरी है। लोकल गाइड के जरिए इसे बुक कर सकते हैं।
10. माजुली, असम – नदी के बीच जिंदगी
ब्रह्मपुत्र नदी के बीच बसा माजुली दुनिया का सबसे बड़ा रिवर आइलैंड है। बारिश के टाइम यहां कल्चर फेस्टिवल्स, लोकल लाइफ और गजब की हरियाली देखने को मिलती है।
कैसे जाएं: जोरहाट रेलवे या एयरपोर्ट पहुंचकर, वहां से फेरी/बोट लेकर जा सकते हैं।
कब जाएं: अगस्त–सितंबर का मौसम यहां के लिए बेहतरीन रहता है। लेकिन अधिक बारिश में फेरी देरी से मिल सकती है।
कहां ठहरें: यहां कई होमस्टे, होटल और रिजॉर्ट हैं।
ध्यान रखें: सेलफोन नेटवर्क कम हो सकता है, मौसम का अपडेट रखें।
ट्रैवल टिप्स:
-हमेशा एक अच्छी रेनकोट, वॉटरप्रूफ बैग, वाटरप्रूफ शूज, जरूरी दवा, और चार्जर जरूर साथ रखें।
-लोकल खाना जरूर ट्राय करें, बरसात में गरम चाय-पकोड़े का कोई मुकाबला नहीं!
-पावर बैंक, गर्म कपड़े, ड्राई स्नैक्स और आईडी प्रूफ रखें।
-लोकल मार्केट घूमना व हैंडीक्राफ्ट्स खरीदना न भूलें।
-मौसम पूर्वानुमान और ट्रांसपोर्ट के बारे में जानकारी हमेशा चेक करके निकलें।
तो बस, तैयार हो जाइए अपने सबसे यादगार मानसून एडवेंचर के लिए!
ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। -हितेन्द्र गुप्ता
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