पटना यानी पाटलिपुत्र... दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक। पाटलिपुत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। पाटलिपुत्र का इतिहास 600 ईसा पूर्व से भी पुराना है। पाटलिपुत्र हजारों साल तक कई महान सम्राटों की राजधानी रहा है। पटना अजातशत्रु, चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त द्वितीय, समुद्रगुप्त जैसे महान शासकों के अखंड भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए जाना जाता है।
यह चाणक्य की राजनीति और अर्थशास्त्र के साथ तीन प्रमुख धर्मों के प्रचार-प्रसार का भी केंद्र रहा है। पटना जहां सिखों के दसवे और अंतिम गुरु गोविन्द सिंह का जन्मस्थल है, वहीं इसके पास ही बौद्ध और जैन धर्म की शुरुआत हुई। भगवान बुद्ध को जहां पटना के पास बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई, वहीं वैशाली भगवान महावीर की जन्मभूमि के रूप में जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र जगह है।
पवित्र गंगा नदी के दक्षिण में बसा यह शहर कई ऐतिहासिक स्मारकों और विरासत स्थलों के साथ कई पर्यटन स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां कई प्राचीन मंदिर भी है। गंगा नदी बिहार को दो भागों में बांटती है और उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ता है महात्मा गांधी सेतु। यह किसी नदी पर बना एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पुल है।
पटना के दर्शनीय स्थलों में हरमंदिर साहिब, महावीर मंदिर, शेरशाह की मस्जिद, अगमकुआं, पटनदेवी मंदिर, कुम्हरार, पत्थर की मस्जिद, गोलघर, पटना म्यूजियम, खुदाबक्श लाइब्रेरी, सदाकत आश्रम, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र, इंदिरा गांधी तारामंडल, संजय गाँधी जैविक उद्यान, गांधी और बुद्धा स्मृति पार्क शामिल है।
कैसे पहुंचे-
पटना देश के सभी प्रमुख शहरे से रेल, सड़क और वायुमार्ग से जुड़ा हुआ है। सभी प्रमुख शहरे से यहां हवाई सेवाएं हैं। रेल और सड़क से देश के किसी भी हिस्से से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कब जाएं-
पटना में गर्मी में काफी गर्मी और सर्दी में काफी सर्दी पड़ती है। इसलिए यहां सितंबर से नवंबर और फरवरी से मार्च के बीच जाना काफी अच्छा रहता है।
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-हितेन्द्र गुप्ता
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