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इंडिया की पहचान है इंडिया गेट, जानिए इसके बारे में सब कुछ

दिल्ली में दिल में स्थित सबसे फेमस जगह है इंडिया गेट। इंडिया गेट दिल्ली की पहचान है। यह सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है, लेकिन दिल्ली का यह सबसे खास पिकनिक स्पॉट है। रोज शाम में यहां की रौनक अलग ही रहती है। यहां शाम में लोग परिवार या दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आते हैं। बोट क्लब के अलावा यहां बच्चों के लिए एक चिल्ड्रेन पार्क भी है। शाम के बाद यहां काफी चहल पहल रहती है।


राष्ट्रपति भवन से लेकर समर स्मारक तक पूरा राजपथ शाम के बाद जीवंत हो उठता है और इंडिया गेट की तो बात ही अलग है। यहां आकर लोग मस्ती करते हैं। रात के समय रोशनी में नहाया हुआ इंडिया गेट देखने में अद्भुत लगता है। आइसक्रीम- भेलपुरी, भुट्टा खाते है, सेल्फी लेते हैं और रंगीन शाम गुजार यहां से चले जाते है। समर स्मारक बनने के बाद यहां आने वाले लोगों के लिए एक और जगह घूमने के लिए मिल गया है।
इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीयों की याद में बनाया गया है। लाल और पीले बलुआ पत्थर से बने इस स्मारक को अंग्रेजों ने बनवाया था। सन 1921 में डयूक ऑफ कनॉट ने इसकी नींव रखी थी और आर्किटेक्ट एडविन लुटियन ने इसे तैयार किया था। 12 फरवरी, 1931 को यह बनकर तैयार हुआ था। इंडिया गेट 42 मीटर ऊंचा और 9.1 मीटर चौड़ा है।
इंडिया गेट के चारों और 13,516 भारतीय सैनिकों के नाम उकेरे गए हैं। इंडिया गेट को पहले ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल के नाम से जाना जाता था। इसके शिखर पर दोनों ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा है। इंडिया गेट के मेहराब के नीचे अमर जवान ज्‍योति है। इसे 1971 में भारत-पाक युद्ध में शहीद सैनिकों की याद में बनाया गया। यहां हर समय एक ज्वाला जलती रहती है। यहां 4 जोत रखी गईं हैं, जिनमें से सिर्फ एक जोत हमेशा जलती रहती है। अन्य 3 जोतों को 15 अगस्त और 26 जनवरी पर जलाया जाता है।
अमर जवान ज्योति के पास एक चमकती हुई राइफल गड़ी हुई है। इसके ऊपर सैनिक का एक हेलमेट रखा हुआ है। यह राष्‍ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर अंजान सैनिकों की याद में बनाया गया है। इंडिया गेट स्मारक और अमर जवान ज्योति के पास हर वक्त कड़ी सुरक्षा रहती है। यहां हमेशा तीनों सेना के जवान तैनात रहते हैं।
इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक भव्य परेड होता है। परेड के राष्ट्रपति के सलामी लेने से पहले प्रधानमंत्री यहां माल्यार्पण करते हैं। परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू हो राजपथ पर इंडिया गेट से होकर लालकिला तक जाती है। इंडिया गेट राष्ट्रपति भवन से करीब 2.3 किलोमीटर दूरी पर एक सीध में स्थित है।
कैसे पहुंचे-

दिल्ली के दिल में होने के कारण यहां पहुंचना काफी आसान है। यहां आप केंद्रीय सचिवालय या उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन से पैदल या ऑटो लेकर आ सकते हैं। दिल्ली के तकरीबन सभी इलाकों से आप बस से भी यहां पहुंच सकते हैं। रेल, सड़क या वायु मार्ग से दिल्ली आकर आप यहां आराम से पहुंच सकते हैं।

कब पहुंचे-

दिल्ली में होने के कारण यहां गर्मी के साथ सर्दी भी काफी पड़ती है। यहां फरवरी से मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच आना घूमने के लिए अच्छा रहता है। इस समय आप ज्यादा इंज्वॉय कर सकते हैं। वैसे शाम के बाद किसी भी मौसम में यहां का आनंद ले सकते हैं।
नजदीकी स्थल-

इंडिया गेट के पास कई दर्शनीय स्थल है।  इसके साथ ही पास में ही है समर स्मारक। यहां के साथ आप राष्ट्रपति भवन और संसद भवन बाहर से देख सकते हैं। राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के लिए अनुमति की जरूरी है। पास ही में गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब और प्राचीन हनुमान मंदिर है। यहां दर्शन के साथ ही आप प्राचीन बिरला मंदिर, झंडेवालां मंदिर और रामकृष्ण आश्रम भी जा सकते हैं। पास में कुछ ही दूरी पर जंतर-मंतर और अग्रसेन की बावली भी है।

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-हितेन्द्र गुप्ता

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