Skip to main content

बिहार के प्रमुख पर्यटल स्थल

बिहार के बारे में जानकारी ना होने के कारण लोगों को काफी गलतफहमी है। इसमें मीडिया का भी बहुत बड़ा हाथ है। अखबार और न्यूज चैनलों में ज्यादातर निगेटिव खबरों के कारण लोग बिहार के बारे में सही से नहीं जानते। विहार... विहारों की भूमि बिहार से ही बौद्ध और जैन धर्म का पार्दुभाव हुआ। खालसा पंथ के संस्थापक सिखों के के दसवें और आखिरी गुरु श्री गुरुगोविंद सिंह देव जी का जन्म भी बिहार में हुआ। दुनिया को सबसे पहले लोकतंत्र बिहार ने ही दिया और दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय का खंडहर आज भी विद्यमान है।

भारतवर्ष को एकसूत्र में बांधने वाले चंद्रगुप्त बिहार से ही थे। दुनिया को गणना के लिए जीरो बिहार ने ही दिया। फिलॉसफी-दर्शन में भी बिहार का अहम योगदान रहा है। पूरी दुनिया में प्रेम और शांति का संदेश बिहार से ही फैला। इस बिहार में पर्यटन के सैकड़ों ऐसे स्थान हैं जहां आकर आप आज भी असीम शांति का अनुभव करेंगे। यहां की हरियाली में खो जाएंगे। यहां की कलकल बहती नदियां आपके मन मस्तिष्क को संगीत से भर देगी। यहां के झरने और जलप्रपात आपके मन को मोह लेगें।

अगर बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो यहां आप बुद्ध स्मृति पार्क, गोलघर, गंगा घाट, पटन देवी, महावीर मंदिर, श्री हरमंदिर साहिब देख सकते हैं।  पटना के पास ही गया में विष्णुपद मंदिर जा सकते हैं। आप यहां अपने पितरों का तर्पण भी कर सकते हैं। गया के पास ही बोधगया में महाबोधि मंदिर में शांति का अनुभव कर सकते हैं। यहां भगवान बुद्ध से जुड़े दर्जनों भव्य मंदिर हैं।


पर्यटन की दृष्टि से बिहार में सबसे खास है रोहतास। रोहतास में आप शेरशाह सूरी का मकबरा, रोहतासगढ़ किला, शेरगढ़ किला, कैमूर हिल्स, इंद्रपुरी बांध, माझर कुंड, तुतला भवानी झरना, कशिश जल प्रपात, मां तारा चंडी का मंदिर, और पायलट बाबा का मंदिर जा सकते हैं। यहां जाने के बाद आपको कुछ दिनों तक तो आने का मन नहीं करेगा। आप यहां की खूबसूरती में खो कर रह जाएंगे।

इसके साथ ही आप कैमूर में करकटगढ़ जल प्रपात और तेल्हार कुंड भी जा सकते हैं। यहां की हरियाली में आप विदेशी लोकेशन को भूल जाएंगे। यहां आने का फायदा यह भी है कि आप कम खर्च में ज्यादा दिन शांति से बिताने के साथ एक ताजगी का भी अनुभव करेंगे। यहां से आप औरंगाबाद के सूर्य मंदिर भी जा सकते हैं।

बिहार में आप पटना से आसानी से नालंदा जाकर नालंदा विश्वविद्यालय और विश्व शांति स्तूप देख सकते हैं। विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने आग लगा दी थी। कई महीनों तक यहां आग धधकती रही थी। आग से यहां के सारे प्राचीन ग्रंथ जलकर खाक हो गए थे। आप भागलपुर जाकर विक्रमशिला विश्वविद्यालय के अवशेष को भी देख सकते हैं।

विश्व के सबसे पहले लोकतंत्र की शुरुआत वैशाली से हुई थी। आप पटना से वैशाली जाकर अशोक स्तम्भ देख सकते हैं। पास ही विश्व शांति स्तूप भी है। इसके साथ ही यहां से पूर्वी चम्पारण जाकर केसरिया स्तूप को भी देख सकते हैं। पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जाकर आप जिम कार्बेट को भूल जाएंगे। तो बना लीजिए बिहार देखने का प्लान। पर्यटक स्थलों के साथ आप यहां के स्वादिष्ट खानों के भी फैन हो जाएंगे।

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। -हितेन्द्र गुप्ता

Comments

Popular posts from this blog

अहिल्या स्थान: जहां प्रभु राम के किया था देवी अहिल्या का उद्धार

मिथिला में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है अहिल्या स्थान। हालांकि सरकारी उदासीनता के कारण यह वर्षों से उपेक्षित रहा है। यहां देवी अहिल्या को समर्पित एक मंदिर है। रामायण में गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या का जिक्र है। देवी अहिल्या गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बन गई थीं। जिनका भगवान राम ने उद्धार किया था। देश में शायद यह एकमात्र मंदिर है जहां महिला पुजारी पूजा-अर्चना कराती हैं।

Rajnagar, Madhubani: खंडहर में तब्दील होता राजनगर का राज कैंपस

राजनगर का ऐतिहासिक राज कैंपस खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बिहार के मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह राज कैंपस राज्य सरकार की अनदेखी के कारण उपेक्षित पड़ा हुआ है। यह कैंपस इंक्रीडेबल इंडिया का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां के महल और मंदिर स्थापत्य कला के अद्भूत मिसाल पेश करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, कलाकारी और कलाकृति देखकर आप दंग रह जाएंगे।

Contact Us

Work With Me FAM Trips, Blogger Meets या किसी भी तरह के collaboration के लिए guptahitendra [at] gmail.com पर संपर्क करें। Contact me at:- Email – guptagitendra [@] gmail.com Twitter – @GuptaHitendra Instagram – @GuptaHitendra Facebook Page – Hitendra Gupta

अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली: जहां जाने पर आपको मिलेगा स्वर्गिक आनंद

दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित स्वामीनारायण मंदिर अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए दुनियाभर में मशहूर है। करीब 100 एकड़ में फैला यह अक्षरधाम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिर परिसर के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से बनाया गया है। इसे आम भक्तों- श्रद्धालुओं के लिए 6 नवंबर, 2005 को खोला गया था।

World Peace Pagoda, Vaishali: विश्व को शांति का संदेश देता वैशाली का विश्व शांति स्तूप

वैशाली का विश्व शांति स्तूप आज भी विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। लोकतंत्र की जननी वैशाली ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है। यहां जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर की जन्मस्थली बासोकुंड यानी कुंडलपुर है। अशोक का लाट यानी अशोक स्तंभ, दुनिया का सबसे प्राचीन संसद भवन राजा विशाल का गढ़, बौद्ध स्तूप, अभिषेक पुष्करणी, बावन पोखर और सबसे प्रमुख जापान की ओर बनवाया गया विश्व शांति स्तूप है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: जहां प्रतिदिन शयन करने आते हैं भोलेनाथ महादेव

हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है और ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में चौथा है। मध्यप्रदेश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर- ममलेश्वर महादेव के रूप में। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इंदौर से 77 किलोमीटर पर है। मान्यता है कि सूर्योदय से पहले नर्मदा नदी में स्नान कर ऊं के आकार में बने इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन से सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

उज्जैन- पृथ्वी का नाभि स्थल है महाकाल की यह नगरी

उज्जैन यानी उज्जयिनी यानी आदि काल से देश की सांस्कृतिक राजधानी। महाकाल की यह नगरी भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली रही है। मध्य प्रदेश के बीचोंबीच स्थित धार्मिक और पौराणिक रूप से दुनिया भर में प्रसिद्ध उज्जैन को मंदिरों का शहर भी कहते हैं।

संसद भवन- आप भी जा सकते हैं यहां घूमने

देश के लोकतंत्र का मंदिर है देश का संसद भवन। यह दुनियाभर में सबसे आकर्षक संसद भवन है। इस भवन में देश की संसदीय कार्यवाही होती है। देश भर के लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि यहीं पर चर्चा करते हैं और कानून बनाने का काम करते हैं। संसद सत्र के समय लोकसभा और राज्यसभा दोनों सनद के सदस्य कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।

जल मंदिर पावापुरी: भगवान महावीर का निर्वाण स्थल, जहां उन्होंने दिया था पहला और अंतिम उपदेश

जल मंदिर पावापुरी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान महावीर को इसी स्थल पर मोक्ष यानी निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक पवित्र शहर है। बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के पास पावापुरी में यह जल मंदिर है। यह वही जगह है जहां भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला और आखिरी उपदेश दिया था। भगवान महावीर ने इसी जगह से विश्व को अहिंसा के साथ जिओ और जीने दो का संदेश दिया था।

हिंद-इस्लामी वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण शेरशाह सूरी का मकबरा

शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार रोहतास जिले के सासाराम में है। शेरशाह का यह मकबरा एक विशाल सरोवर के बीचोंबीच लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। शेरशाह ने अपने जीवनकाल में ही इस मकबरे का निर्माण शुरू कर दिया था, लेकिन पूरा उसके मृत्यु के तीन महीने बाद ही हो पाया। शेरशाह की मौत 13 मई, 1545 को कालिंजर किले में हो गई थी और मकबरे का निर्माण 16 अगस्त, 1545 को पूरा हुआ। शेरशाह के शव को कालिंजर से लाकर यहीं दफनाया गया था। इस मकबरे में 24 कब्रें हैं और शेरशाह सूरी की कब्र ठीक बीच में है।