Skip to main content

बिहार के प्रमुख पर्यटक स्थल सासाराम नहीं घूमे तो क्या घूमे!

सासाराम बिहार का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यह रोहतास का जिला मुख्यालय है। यहाँ मंदिर, मकबरा, पहाड़ी, हरियाली से लेकर जलप्रपात तक वह सब कुछ है जो एक पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए चाहिए। बिहार के इस खूबसूरत सासाराम में एक से बढ़कर एक घूमने लायक पर्यटक स्थल हैं। यहाँ की हरियाली, पहाड़ी, किले और कल-कल बहती नदियों और झरनों के बीच आकर आप जिम कॉर्बेट और मसूरी- कैम्पटी झील को भूल जाएंगे। आपको विश्वास ही नहीं होगा कि हम बिहार में हैं और बिहार में इतनी खूबसूरत जगह भी है। यहाँ की खूबसूरती में आप खो जाएंगे।
शेरशाह सूरी का मकबरा
सासाराम में एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है शेरशाह सूरी का मकबरा। यह मकबरा एक बड़े सरोवर के बीचोंबीच लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। बताया जाता है कि शेरशाह सूरी ने अपने जीते-जी इस मकबरे का निर्माण शुरू कर दिया था, लेकिन इसका निर्माण उसके मृत्यु के तीन महीने बाद पूरा हो पाया। इस मकबरे में कुल मिलाकर 24 कब्रें हैं। शेरशाह सूरी की कब्र मकबरे की ठीक बीच में है।


हिंद-इस्लामी वास्तुकला की खूबसूरती को लिए यह मकबरा देश के सबसे सुंदर स्मारकों में से एक है। यह मकबरा करीब 52 एकड़ में फैले सरोवर के बीच में है। 122 फीट ऊंचे इस मकबरे तक जाने के लिए करीब 350 फीट लंबा एक पुल है। आठ कोणों या भुजाओं वाला यह मकबरा तीन मंजिला है। आठों किनारों पर आठ छोटे गुंबद बनाए गए हैं। बताया जाता है कि शेरशाह सूरी ने ही देश में सबसे पहले रुपये की शुरुआत ही की। शेरशाह ने ही डाक भेजने की व्यवस्था शुरू की थी और उसने ही बंगाल से काबुल तक ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) का निर्णाम कराया था।

माँ ताराचंडी का मंदिर
कैमूर हिल्स पर सासाराम से करीब 5 किलोमीटर दक्षिण में माँ ताराचंडी का मंदिर है। यह देश के 52 शक्तिपीठों में सबसे पुराना शक्तिपीठ है। हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के बीच यह काफी लोकप्रिय धर्मस्थल है। दुर्गापूजा के अवसर पर यहां विशेष भीड़ रहती है। यहां तंत्र-मंत्र के साधक भी जुटते हैं। शक्ति के उपासकों के लिए यह एक प्रसिद्ध जगह है। बताया जाता है कि माँ ताराचंडी की पूजा करने वाले भक्तों को धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है। देशभर के श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं।


कैमूर हिल्स
कैमूर हिल्स वैसे तो एक काफी दर्शनीय पर्यटक स्थल है, लेकिन ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण दुनिया की नजरों से एक तरह से ओझल बना हुआ है। कैमूर हिल्स करीब पांच सौ किलोमीटर लंबी विंध्य की पहाड़ियों पर फैला हुआ है। इसका एक हिस्सा रोहतास-सासाराम में आता है। कैमूर हिल्स से होकर बहने वाली सर्पीली नदियां इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं। यहाँ आकर, यहाँ की खूबसूरती, प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर आप असीम शांति का अनुभव करेंगे। यहाँ के जलप्रपातों- झरनों की सुंदरता आपके मन को मोह लेंगे। पक्षियों के कलरव के बीच पहाड़ी से गिरते झरनों की आवाज आपको एख अलग ही रोमांच से भर देंगे। यहाँ कुछ दिन बिताए समय आपको जीवन भर याद रहेंगे।


मांझर कुंड
मांझर कुंड काफी खूबसूरत जगह है। यह सासाराम से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर कैमूर हिल्स पर है। जिन लोगों को मांझर कुंड के बार में पता है वे यहाँ बार-बार आते हैं। आसपास के लोग यहाँ पिकनिक मनाने भी आते है। सुंदर पहाड़ियों के बीच इस मांझर कुंड के पास आकर फिर वापस जाने का मन नहीं करता है। मन करता है कि बस इसे निहारता रहूं और इसकी खूबसूरती को देखता ही रहूं। यहाँ के प्राकृतिक दृश्य आपके मन को मोह लेंगे।


धुआं कुंड
कैमूर हिल्स पर ही हरियाली के बीच धुआं कुंड में ऊंचाई से गिरते पानी की आवाज किसी संगीत की तरह आपके मन को झंकृत कर देंगे। ऊपर से दूध की तरह सफेद पानी के बीच पूरे जलप्रपात का दृश्य काफी सुहावना लगता है। यहां सुबह और शाम में सूरज को उगते और ढलते हुए देखने का अनुभव एक अलग ही रोमांच पैदा करता है। पर्यटकों के लिए यह एक आकर्षण का केंद्र है।


कशिश जल प्रपात
सासाराम के पास ही एक और सुंदर जल प्रपात है कशिश जल प्रपात। यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती देखकर आप दंग रह जाएंगे। हरियाली से घिरे पहाड़ी के बीच झर-झर गिरते पानी की आवाज आपके मन में मधुर संगीत घोल देते हैं।  


तुतला भवानी
सासाराम के पास ही एक प्रसिद्ध जल प्रपात है तुतला भवानी। तुतला भवानी जल प्रपात के पास ही है माँ तुतला भवानी मंदिर। यह आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। पर्यटक यहाँ मंदिर में दर्शन के साथ यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती को देखने भी आते हैं। प्रकृति की गोद में बसा यह स्थल बरबस ही आपको अपनी ओर खींच लेता है। यहाँ आने के बाद आपको फिर वापस जाने के मन नहीं करेगा। मन करेगा कि कुछ और देर तक यहाँ रुक जाते हैं।


रोहतास गढ़ का किला
कैमूर हिल्स पर स्थित रोहतासगढ़ किला को देखकर आप इसकी भव्यता और वैभव का अंदाजा लगा सकते हैं। यह किला काफी विशाल और भव्य है। किले के भीतर कई महल भी हैं। बताया जाता है कि इसका निर्माण राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। सासाराम आने वाले पर्यटक इस किला को देखने जरूर आते हैं।


शेरगढ़ का किला
सासाराम के पास रोहतास गढ़ किले की तरह ही एक और किला है शेरगढ़ का किला। यह भी कैमूर हिल्स पर है लेकिन यह रोहतास गढ़ किले से काफी अलग है। इस किले को बनाते समय सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया था, जिससे कि इधर आने वाले कोई भी व्यक्ति नजर में जरूर आ जाए। रोहतास गढ़ किले के साथ आप यहाँ भी जा सकते हैं। यहां से पहाड़ी का दृश्य काफी मनोरम दिखता है।


पायलट बाबा का मंदिर
सासाराम में एक प्रसिद्ध जगह है पायलट बाबा का मंदिर और आश्रम। इस मंदिर में सभी धर्म को समभाव आदर दिया गया है। पायलट बाबा सासाराम के ही थे इसलिए देश के अन्य जगहों की तरह यहाँ आश्रम बनाने के साथ भव्य मंदिर का भी निर्माण कराए हैं। यहाँ 80 फीट से अधिक ऊँची भगवान बुद्ध की मूर्ति का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही यहाँ भगवान शिव की विशाल प्रतिमा की भी निर्माण कराया गया है। यह हिंदू और बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं के लिए तीर्थाटन का प्रमुख स्थल बन गया है। इतना ही नहीं पायलट बाबा के इस मंदिर में सिख धर्म के गुरुओं की प्रतिमा का भी निर्माण कराया गया है।


इन्द्रपुरी डैम
कैमूर हिल्स के पास सोन नदी पर बना इन्द्रपुरी डैम भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक प्रमुख स्थल है। इन्द्रपुरी डैम दुनिया का चौथा सबसे लंबा बैराज बांध है। यहां से कलकल बहती नदी की शोर के बीच प्राकृतिक हरियाली को देखना एक अलग ही आनंद प्रदान करता है।

सभी फोटो- बिहार टूरिज्म


कैसे पहुंचें
रेल मार्ग- सासाराम पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जंक्‍शन (मुगलसराय) और गया जंक्‍शन रेलखंड पर एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। दिल्ली-कोलकाता के बीच चलने वाली ज्यादातर ट्रेन सासाराम होते हुए जाती है।
सड़क मार्ग- सासाराम नेशनल हाइवे 2 (जीटी रोड) पर स्थित है। वाराणसी, दिल्ली, कोलकाता और पटना आसानी से आप आसानी से सासाराम पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग- सासाराम का नजदीकी हवाई अड्डा गया और वाराणसी है। गया करीब 100 किलोमीटर, वाराणसी 120 किलोमीटर और पटना करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है।

कब पहुंचे-
सितंबर से अप्रैल के महीने तक यहां का मौसाम काफी अच्छा रहता है। अगर आप बारिश को एंज्वाय करते हैं मानसून सीजन में भी यहां आ सकते हैं।

ब्लॉग पर आने और इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आप इस पोस्ट पर अपना विचार, सुझाव या Comment शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। 

-हितेन्द्र गुप्ता

Comments

Popular posts from this blog

Rajnagar, Madhubani: खंडहर में तब्दील होता राजनगर का राज कैंपस

राजनगर का ऐतिहासिक राज कैंपस खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बिहार के मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह राज कैंपस राज्य सरकार की अनदेखी के कारण उपेक्षित पड़ा हुआ है। यह कैंपस इंक्रीडेबल इंडिया का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां के महल और मंदिर स्थापत्य कला के अद्भूत मिसाल पेश करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, कलाकारी और कलाकृति देखकर आप दंग रह जाएंगे।

अहिल्या स्थान: जहां प्रभु राम के किया था देवी अहिल्या का उद्धार

मिथिला में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है अहिल्या स्थान। हालांकि सरकारी उदासीनता के कारण यह वर्षों से उपेक्षित रहा है। यहां देवी अहिल्या को समर्पित एक मंदिर है। रामायण में गौतम ऋषि की पत्नी देवी अहिल्या का जिक्र है। देवी अहिल्या गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बन गई थीं। जिनका भगवान राम ने उद्धार किया था। देश में शायद यह एकमात्र मंदिर है जहां महिला पुजारी पूजा-अर्चना कराती हैं।

उत्तर प्रदेश के वे टॉप 10 पर्यटन स्थल, जहां गए बिना आपकी यात्रा नहीं होगी पूरी

उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। उत्तर प्रदेश काफी खूबसूरत राज्य है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। भगवान राम की नगरी अयोध्या, भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन से लेकर भगवान बुद्ध से संबंधित सारनाथ और कुशीनगर जैसे धार्मिक स्थलों पर हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। महादेव की नगरी काशी, कुंभनगरी प्रयागराज से लेकर प्रेम प्रतीक की नगरी आगरा जैसे पर्यटक स्थल घुमक्कड़ों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बने हुए हैं। नजाकत, नफासत और तहजीब के शहर लखनऊ गए बिना तो जैसे आपकी यात्रा पूरी ही नहीं होगी। सभी फोटो- यूपी टूरिज्म नए साल में लोग फिर से घर से बाहर निकला शुरू कर दिए हैं। वे नई-नई जगहों पर जा रहे हैं तो ऐसे में आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के उन टॉप 10 पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आप देश के किसी भी कोने से आसानी से पहुंच सकते हैं। 1. वाराणसी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को बनारस या काशी के नाम से भी जानते हैं। काशी दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी के रूप में विख्यात है। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे का

World Peace Pagoda, Vaishali: विश्व को शांति का संदेश देता वैशाली का विश्व शांति स्तूप

वैशाली का विश्व शांति स्तूप आज भी विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। लोकतंत्र की जननी वैशाली ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना है। यहां जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर की जन्मस्थली बासोकुंड यानी कुंडलपुर है। अशोक का लाट यानी अशोक स्तंभ, दुनिया का सबसे प्राचीन संसद भवन राजा विशाल का गढ़, बौद्ध स्तूप, अभिषेक पुष्करणी, बावन पोखर और सबसे प्रमुख जापान की ओर बनवाया गया विश्व शांति स्तूप है।

Birla Temple Delhi: बिरला मंदिर, दिल्ली- जहां जाति-धर्म के नाम पर नहीं होता किसी से कोई भेदभाव

दिल वालों की दिल्ली में एक ऐसा मंदिर है जहां जाति-धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से विख्यात इस मंदिर को देश-दुनिया के लोग बिरला मंदिर के नाम से जानते हैं।

जल मंदिर पावापुरी: भगवान महावीर का निर्वाण स्थल, जहां उन्होंने दिया था पहला और अंतिम उपदेश

जल मंदिर पावापुरी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। भगवान महावीर को इसी स्थल पर मोक्ष यानी निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। जैन धर्म के लोगों के लिए यह एक पवित्र शहर है। बिहार के नालंदा जिले में राजगीर के पास पावापुरी में यह जल मंदिर है। यह वही जगह है जहां भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला और आखिरी उपदेश दिया था। भगवान महावीर ने इसी जगह से विश्व को अहिंसा के साथ जिओ और जीने दो का संदेश दिया था।

ये हैं दिल्ली के टॉप 10 पर्यटक स्थल, नए साल में आप भी घूम आइए

दिल्ली देश की राजधानी है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक आते हैं। दिल्ली में इंडिया गेट, लाल किला, कुतुब मीनार सहित कई पर्यटक स्थल हैं। यहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। अब जब कोरोना संकट के बाद लोग एक बार फिर से बाहर घूमने-फिरने के लिए निकलने लगे हैं तो दिल्ली में एक बार

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: जहां प्रतिदिन शयन करने आते हैं भोलेनाथ महादेव

हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है और ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में चौथा है। मध्यप्रदेश में 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर- ममलेश्वर महादेव के रूप में। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इंदौर से 77 किलोमीटर पर है। मान्यता है कि सूर्योदय से पहले नर्मदा नदी में स्नान कर ऊं के आकार में बने इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन से सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

Contact Us

Work With Me FAM Trips, Blogger Meets या किसी भी तरह के collaboration के लिए guptahitendra [at] gmail.com पर संपर्क करें। Contact me at:- Email – guptagitendra [@] gmail.com Twitter – @GuptaHitendra Instagram – @GuptaHitendra Facebook Page – Hitendra Gupta

संसद भवन- आप भी जा सकते हैं यहां घूमने

देश के लोकतंत्र का मंदिर है देश का संसद भवन। यह दुनियाभर में सबसे आकर्षक संसद भवन है। इस भवन में देश की संसदीय कार्यवाही होती है। देश भर के लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि यहीं पर चर्चा करते हैं और कानून बनाने का काम करते हैं। संसद सत्र के समय लोकसभा और राज्यसभा दोनों सनद के सदस्य कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।