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मोदी सरकार में भारतीय टूरिज्म सेक्टर की ऐतिहासिक उड़ान: वैश्विक रैंकिंग में 8वां स्थान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम द्वारा पिछले 11 वर्षों में शुरू की गई नीतियों और पहलों ने भारत के टूरिज्म सेक्टर को जबरदस्त ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। भारत की साख अब सिर्फ स्वदेश में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तेजी से बढ़ी है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (WTTC) की ताजा रिपोर्ट (2024-25) के मुताबिक, भारत आज विश्व का 8वां सबसे बड़ा पर्यटन बाजार बन चुका है, जिसने फ्रांस, जर्मनी जैसे परंपरागत टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स को भी पीछे छोड़ दिया है।


आंकड़ों के अनुसार:
-टूरिज्म से सालाना आय: 231.6 अरब डॉलर (करीब ₹19.4 लाख करोड़)।
-प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार: 5 करोड़ से अधिक भारतीयों को रोजगार।
-आंतरिक और विदेशी पर्यटकों की संख्या: घरेलू पर्यटकों का आंकड़ा 1.9 अरब के पार, विदेशी पर्यटक 1.1 करोड़ (2019) से आगे बढ़ रहे हैं।
-वैश्विक रैंकिंग: 2013 में 24वें स्थान से छलांग लगाकर 2024 में 8वां स्थान।
-GDP में योगदान: पहले 5-6% था, अब करीब 8% के आसपास, लक्ष्य 10% तक पहुंचाने का।

11 वर्षों में मोदी सरकार की बड़ी नीतियाँ और पहलकदमी
1. टूरिज्म इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांतिकारी बदलाव
-नेशनल टूरिज्म पॉलिसी: देश-विदेश टूरिस्ट्स को आकर्षित करने के लिए सुविधाजनक माहौल सृजित हुआ।
-राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण: 2014 में 91,000 किमी से अब 1.46 लाख किमी लम्बे हाइवे।
-रेल नेटवर्क: इलेक्ट्रिफिकेशन 98% तक, सुपरफास्ट-सेमी हाईस्पीड ट्रेनों का समावेश (वंदे भारत, तेजस)।
-एयरपोर्ट्स: उड़ान योजना के तहत 88 नए/नवीनीकृत एयरपोर्ट्स, केवल बड़े शहर नहीं, बल्कि छोटे शहर भी अब हवाई नक्शे पर।
-इनलैंड वाटरवेज़: जलमार्गों से नई टूरिज्म संभावनाओं का विस्तार, जैसे काशी-वरणसी से सुंदरबन क्रूज़।

2. थीम-आधारित टूरिज्म योजनाएं
स्वदेश दर्शन योजना:
-15 थीम-आधारित सर्किट (बौद्ध, रामायण, आध्यात्मिक, हेरिटेज, ट्राइबल, जंगल सफारी आदि)
-70 से ज्यादा सर्किट्स विकसित, गाँवों तक रोजगार व पर्यटन की पहुँच।
-स्वदेश दर्शन 2.0: ग्रामीण और सस्टेनेबल टूरिज्म पर नया फोकस, खासकर कम विकसित क्षेत्रों में निवेश।

PRASAD (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive) योजना: प्रमुख धार्मिक स्थलों का कायाकल्प –
-काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या, माधवपुर, द्वारका, केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ, तिरुपति सहित 73 शहरों में सुविधाओं का विस्तार।
-नवरात्र, कांवड़ यात्रा, कुंभ मेले जैसे पर्वों में अंतरराष्ट्रीय प्रचार।

3. विश्व धरोहर और सांस्कृतिक विरासत
-भारत में 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल – दुनिया में छठा स्थान।
-ऐतिहासिक शहरों की संवराई (वाराणसी, जयपुर, हैदराबाद, दिल्ली आदि), पुरानी धरोहरों का डिजिटाइजेशन और प्रचार।
-International Yoga Day और रामायण/बौद्ध टूर सर्किट से भारत की सांस्कृतिक छवि सशक्त।

4. टूरिज्म के लिए सुगम वीजा और डिजिटल सुविधाएँ

-e-VISA की शुरुआत – 167 देशों के नागरिकों को सहज ऑनलाइन वीजा सुविधा।
-वीज़ा ऑन अराइवल व डिजिटल सुविधा से विदेशियों की संख्या में कई गुना वृद्धि।
-ऑनलाइन टिकटिंग, पर्यटन मोबाइल ऐप्स, वर्चुअल टूर गाइड्स।

5. साफ-सफाई, सुरक्षा और स्वास्थ्य
-स्वच्छ भारत अभियान: पर्यटन स्थलों की साफ-महकाता वातावरण, घाट-झीलें, स्मारकों की सुंदरता।
-गंगा स्वच्छता, यमुना सफाई, हेरिटेज सिटीज़ के सौंदर्यीकरण से टूरिस्ट आकर्षण।
-टूरिस्ट हेल्पलाइन, महिला टूरिस्ट सुरक्षा व मेडिकल इमरजेंसी हेल्प सुविधा।

6. स्वास्थ्य व वेलनेस टूरिज्म

-आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, भारतीय भोजन: लाखों विदेशियों की पसंद।
-सस्ते और गुणवत्तापूर्ण मेडिसिन, भारत मेडिकल टूरिज्म का हब (AIIMS, अपोलो, मेदांता आदि)।
-NABH सर्टिफाइड अस्पतालों की संख्या दोगुनी।

7. स्थानीय लोगों को भी लाभ
-गाँव, नगर, छोटे शहर भी टूरिज्म मैप पर।
-होम-स्टे, लोकल गाइड्स, शिल्पकला, खानपान में लाखों लोगों को व्यावसायिक मौका।
-महिला सशक्तिकरण, स्व-सहायता समूहों के लिए नए रोजगार।

8. नए जमाने का टूरिज्म
-एडवेंचर, इको, हेरिटेज, वाइल्डलाइफ, ट्राइबल व मेडिकल टूरिज्म को प्रमोट किया गया।
-इन्क्लूसिव टूरिज्म (हैंडीकैप्ड फ्रेंडली पर्यटन स्थल)
-तकनीक का बेहतर इस्तेमाल: AR/VR आधारित म्यूज़ियम, लाइव कैम, पर्यावरण-फ्रेंडली पर्यटन।

9. बड़ी कंपनियों का निवेश और इवेंट टूरिज्म

-Forbes और WTTC रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पूरे दक्षिण एशिया के मुकाबले सबसे ज्यादा होटल इंवेस्टमेंट।
-इंटरनेशनल इवेंट्स: G20, वर्ल्ड योगा डे, अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स, फिल्म फेस्टिवल, मिशन लाइफ,UNESCO सम्मेलनों में भारत को टूरिज्म प्रमोटर कंट्री के रूप में पहचान।

10. बजट, निवेश व भविष्य की योजनाएँ
-2024-25 बजट में 20,000+ करोड़ पर्यटन के लिए, राज्यों के लिए इन्सेन्टिव।
-‘देखो अपना देश’, ‘Incredible India 2.0', ‘Brand India’ जैसे प्रचार अभियान।
-वर्ष 2030 तक टूरिज्म से GDP में 10% योगदान और 7 करोड़ रोजगार का लक्ष्य।

मोदी सरकार द्वारा बीते एक दशक में टूरिज्म की हर कड़ी को नई दृष्टि और मजबूती मिली है। भारत अब सिर्फ मंदिरों, महलों और प्राकृतिक सुंदरता का देश नहीं, बल्कि ग्लोबल टूरिज्म सुपरपावर के रूप में उभर चुका है। स्थानीय लोगों की आमदनी, रोजगार, अंतरराष्ट्रीय पहचान, संस्कृति-संवर्धन और महिला सशक्तिकरण में अभूतपूर्व लाभ मिला है। आने वाले वर्षों में और बड़ा निवेश तथा नवाचार भारत को टॉप 5 टूरिज्म डेस्टिनेशन की कतार में ला सकता है।

#AtulyaBharat #turismRevolution

Sources: पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट्स, WTTC 2024, भारत सरकार की आर्थिक समीक्षा, मीडिया विश्लेषण। 

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